इसलिए बीजेपी से नहीं बनी बात जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद पहले ढाई साल शिवसेना के पास और फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मिल सकता है। आपको बता दें कि बीजेपी सीएम पोस्ट को शिवसेना से शेयर नहीं करना चाहती थी। परिणाम यह निकला कि शिवसेना और बीजेपी के रास्ते अलग हो गए और गठबंधन सरकार बनते-बनते रह गई। हालांकि नए गठबंधन में भी सीएम पोस्ट पांच साल तक शिवसेना अपने पास ही रखना चाहती है, लेकिन एनसीपी 50:50 के फार्मूले पर जोर दे रही है। इस मुद्दे पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।
AAP नेता भगवंत मान को नहीं है सीएम केजरीवाल की परवाह, खुलकर किया पराली का समर्थन पृथ्वीराज चव्हान: धर्म संकट से बाहर निकली कांग्रेस गुरुवार को दिल्ली में एनसीपी मुखिया शरद पवार के आवास पर मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हान ने कहा कि हमारे बीच सकारात्मक बात हुई है। राज्य में एक स्थिर सरकार की जरूरत है। इसके लिए राष्ट्रपति शासन हटाने की जरूरत है। एनसीपी और कांग्रेस के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने को लेकर बात हुई। राज्य में कई दिनों से अस्थिरता है। सूबे को एक मजबूत सरकार की जरूरत है। इस बात से साफ है कि राष्ट्रपति शासन हटाने की जरूरत बताकर चव्हान यह संकेत दे दिया कि अब शिवसेना के साथ जाने पर पार्टी पसोपेश में नहीं है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी का बड़ा बयान- TRS विधायक चेन्नामनेनी के बाद राहुल गांधी की भी नागरिकता नवाब मलिक: स्थिर सरकार के लिए तीनों का साथ आना जरूरी एनसीपी लीडर नवाब मलिक ने कहा कि राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बिना स्थिर सरकार नहीं बन सकती है। अब कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने शिवसेना संग जाने की बात करते हुए कहा कि तीनों दलों के साथ आए बिना राज्य में स्थिर सरकार नहीं बन सकती है।
जयवीर शेरगिल ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- साध्वी प्रज्ञा जैसे गोडसे भक्तों के अच्छे दिन आ गए! संजय राउत: जल्द देंगे अच्छी खबर इससे पहले संजय राउत ने शरद पवार के पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर कहा कि इस मीटिंग में कोई सरप्राइज की बात नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जल्दी ही अच्छी खबर मिलेगी। राउत ने कहा कि सीएम शिवसेना का ही होगा। बता दें कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने संसद सत्र से अलग दोपहर में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही एनसीपी का रुख पलटने के कयास लगाए जा रहे थे।