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वादे के बावजूद हड़ताली डॉक्टर बैठक में नहीं आए
ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों से बात करने की कोशिश की, हमने उनकी सभी मांगें मान ली । लेकिन आंदोलनकारी डॉक्टर बुलाने के बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि डॉक्टरों से बातचीत के लिए दरवाजा हमेशा खुले हैं। प्रदर्शनकारियों डॉक्टरों से बातचीत करने के लिए मंत्री, सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा था। वह घंटों उनसे मिलने के प्रयास करते रहे लेकिन जूनियर डॉक्टर बात नहीं करने पर अड़े रहे।
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2009 में गुजरात में एस्मा लगाया गया
ममता बनर्जी ने नाम लिए बगैर भाजपा पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते डॉक्टर 5 से 6 दिनों से हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि 2009 में गुजरात में जब डॉक्टर हड़ताल पर थे तो उस वक्त एस्मा लगा दिया गया था। उन्होंने कहा कि हड़ताल के बाद भी हमने किसी की ना तो गिरफ्तारी की और ना ही एस्मा लगाया। यहां तक कि हड़ताली डॉक्टरों पर किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को हमसे बात करने में दिक्कत है तो वो मुख्य सचिव या पुलिस कमिश्नर से बात कर सकते हैं। सरकार डॉक्टरों की मांगें मानने को तैयार है।