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Mamata Banerjee का बड़ा आरोप- राजनीतिक दल की तरह बात कर रहे हैं Governor

locationनई दिल्लीPublished: Jul 17, 2020 09:38:09 am

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ( Mamata Banerjee ) ने गुरुवार को खोल दिया राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( West bengal Governor Jagdeep Dhankar ) पर लगाया संवैधानिक दायित्वों ( constitutional duties ) का पालन न करने का आरोप।
ममता सरकार ( West Bengal Chief Minister ) पर शैक्षिक संस्थानों को राजनीतिक रूप से बंधक बनाए जाने का की बात कही थी।

Mamata Banerjee attack on Governor Jagdeep Dhankhar

Mamata Banerjee attack on Governor Jagdeep Dhankhar

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ( West Bengal Chief Minister ) ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( West bengal Governor Jagdeep Dhankhar ) पर जोरदार हमला बोला। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्यपाल एक “राजनीतिक दल” ( political party ) की तरह बात कर रहे हैं और अपने संवैधानिक दायित्व ( constitutional duties ) का पालन नहीं कर रहे हैं। ममता की यह टिप्पणी राज्यपाल द्वारा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को राजनीतिक रूप से बंधक बनाए जाने के बयान आने के बाद आई है।
बनर्जी ( Mamata Banerjee ) और धनखड़ के बीच ताजा मुकाबला राज्य के विश्वविद्यालयों को लेकर हुआ। दरअसल कोरोना महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के मद्देनजर शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए बुधवार को धनखड़ द्वारा बुलाई गई बैठक से अधिकांश राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति गैरहाजिर रहे थे। इसके बाद धनखड़ ने कहा कि उन्हें लगता है कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा प्रणाली राजनीतिक रूप से बंधक है। उन्होंने कहा कि कुलपतियों ने जिस वजह से बैठक का विरोध किया वह सभी को पता है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धनखड़ पर “राजनीतिक दल” के प्रतिनिधि की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए जवाबी हमला किया। उन्होंने संविधान का पालन न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल एक राजनीतिक पार्टी की तरह बात नहीं कर सकते। वह संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं, पीएम और गृह मंत्रालय का पालन नहीं कर रहे हैं।
https://twitter.com/MamataOfficial?ref_src=twsrc%5Etfw
कुलपतियों से गैरहाजिर रहने के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के धनखड़ के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कुलपतियों का समर्थन करते हुए कहा कि हम कुलपतियों का सम्मान करते हैं और उनके पास हमारा 100 प्रतिशत समर्थन है।
दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में गवर्नर की शक्ति से संबंधित नियमों में संशोधन किया था। इसके चलते राजभवन की कार्यप्रणाली में काफी कमी आई थी। राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के बीच सभी संचार, अब संशोधित नियमों के अनुसार राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से किए जाने हैं।
इससे पहले इस वर्ष जनवरी में धनखड़ द्वारा बुलाई गई इस तरह की एक अन्य बैठक भी तब विफल हो गई थी जब राज्य सरकार ने उसे लूप में रखे बगैर बैठक बुलाने पर आपत्ति जताई थी। धनखड़ ने दावा किया था कि अप्रिय स्थिति का निर्माण राज्य सरकार ने किया था। धनखड़ ने सरकार पर उन छात्रों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया, जिनका भविष्य कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकट के कारण खतरे में है। उन्होंने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रतियोगिताओं के माध्यम से आगे की पढ़ाई करने और उपयुक्त नौकरियों को सुरक्षित करने के लिए डिग्री की आवश्यकता है।
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