सार्वजनिक तौर पर विजियादशमी नहीं होगी आपको बताते चले कि पिछले महीने ही ममता ने पुलिस को आदेश दिया था कि राज्य में कहीं पर भी विजयदशमी नहीं होनी चाहिए। ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने विजयादशमी त्योहार मनाने पर कोई रोक नहीं लगाई है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ संगठन गलत सूचना फैला रहे हैं कि हम पूजा पंडालों और घरों में विजयादशमी के उत्सव को रोक रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा था कि एक अक्तूबर को एकादशी के दिन प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा। मुहर्रम मुस्लिम समुदाय के शोक मनाने का अवसर होता है जो उसी दिन पड़ रहा है। प्रतिमा विसर्जन दो से चार अक्तूबर तक चलेगा। ममता ने कहा, ‘‘महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाएंगी और विजयादशमी का त्योहार पहले की तरह मनाया जाएगा। जिन लोगों को बंगाल में दुर्गापूजा और काली पूजा के बारे में जानकारी नहीं है, वे इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं।’’ ममता ने कहा कि उनकी सरकार आगामी दुर्गापूजा त्योहार के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस, विहिप और बजरंग दल को शांति भंग नहीं करनी चाहिए और आग से नहीं खेलना चाहिए। ममता के मुताबिक बंगाल में दुर्गापूजा पारंपरिक रूप से सौहार्द के साथ मनाई जाती है, जहां लाखों लोग सड़कों पर इस उत्सव को मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने हाल में राज्य के एक स्थान पर सांप्रदायिक गड़बड़ी फैलाने के भाजपा के एक प्रयास को विफल कर दिया और इसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया।
प्रतिमा विसर्जन में हथियारों की इजाजत नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्रशासन राज्य में हथियारों के साथ प्रतिमा विसर्जन जुलूस की अनुमति नहीं देगा।‘‘यह अवैध है और इस तरह के जुलूस बंगाल की परम्परा में नहीं रहे हैं और हम ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह का जुलूस निकालने का प्रयास किया जाता है तो प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा।’’उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से भी मुहर्रम के जुलूस शांतिपूर्वक निकालने की अपील की। ममता बनर्जी की सरकार पिछले महीने भी सुर्खियों में थी। तब उनकी तरफ से आदेश दिया गया था कि शाम छह बजे के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विजर्सन नहीं किया जा सकेगा। ऐसा इसलिए कहा गया था क्योंकि तीस सितंबर को दुर्गा पूजा है और एक अक्टूबर को मोहर्रम। बीजेपी ने इसका खुलकर विरोध किया था।