ममता ने कहा कि भवानीपुर में होने वाले उपचुनावों में उतना जीतना हर हालत में जरूरी है, क्योंकि ऐसा होने पर ही वह CAA, NRC तथा भाजपा की अन्य दमनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ सकेंगी। उन्होंने भाजपा पर विभाजनकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह राक्षसी गुण वाली भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ तब तक लड़ती रहेंगी जब तक भाजपा को केन्द्र सरकार से हटा नहीं दिया जाता।
ममता बनर्जी ने कहा कि भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस भाजपा के विरूद्ध लड़ी जा रही इस लड़ाई को देश के अन्य राज्यों में भी ले जाएंगी और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलते हुए भाजपा को रोकने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में जब से भाजपा केन्द्र में आई है, तब मैं इस पार्टी की अनीतियों के खिलाफ लड़ रही हूं और ऐसा तब तक करती रहूंगी जब तक कि भाजपा को सत्ता से बाहर नहीं निकाल फेका जाता। जो लोग देश को सही तरह से नहीं चला पा रहे हैं वे दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर उपचुनावों में बाधा फैलाने का कार्य कर रहे हैं। हम भाजपा की विभाजनकारी और अनीतियुक्त राजनीति को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर हमला करते हुए ममता ने कहा कि एक ऐसा मंत्री जो पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर लगाम लगाने में असफल हो गया, वो यहां पर प्रचार करने आ रहा है। उन्हें पहले पेट्रोल-डीजल तथा गैस की कीमतों को कम करने का काम करना चाहिए, उसके बाद ही चुनाव प्रचार में आना चाहिए।
भाजपा पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में है, वहां पर तानाशाही पूर्ण तरीके से काम किया जा रहा है। विपक्षी दलों को राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने से रोका जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी भवानीपुर से वर्ष 2011 तथा 2016 में दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं परन्तु इस बार उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ा और चुनाव हार गई। हालांकि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो होने के नाते वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी परन्तु इस पद पर बने रहने के लिए उनका भवानीपुर सीट पर होने वाले विधायक उपचुनाव का जीतना अनिवार्य है।