सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस पूरे मामले को लेकर आर्थिक अपराध शाखा में FIR दर्ज करा दी है और विभाग से इस पूरे मामले में जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की किसी तरह की मिलीभगत होने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
इस बात की सूचना दिल्ली सरकार को कुछ महीने पहले मिली थी। सूचना के आधार पर सरकार ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी थी। इस जांच में पाया गया कि दिल्ली के 8,700 कारोबारियों ने फर्जी बैंक नाम से बैंक अकाउंट बनाया और टैक्स जमा करने के लिए फर्जी आईडी बनाई। इसके बाद कारोबारियों ने दिल्ली सरकार के जीएसटी विभाग का आईडी और पासवर्ड क्रैक किया। दिल्ली सरकार जिन 27 बैंकों से लेनदेन करती है उनमें से 13 बैंकों में फर्जी आईडी और पासवर्ड क्रैक कर अभी तक करोड़ों का चूना लगाया। जब भी टैक्स की चेकिंग होती तो दस्तावेज में टैक्स जमा दिखाई देता था लेकिन सरकारी एकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता था। शुरुआती जांच में अभी तक जांच में 262 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी हुई है। शुरुआती जांच के मुताबिक ये खेल 2013 से चल रहा था. दिल्ली सरकार ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है। मनीष सिसोदिया ने बताया है कि फिलहाल शुरुआती जांच में ये मामला 2013 का लगता है इसलिए हमने पूरी तरह से जांच करने को कहा है।