मनोज तिवारी ने किया पलटवार
आपको बता दें कि शनिवार को मनोज तिवारी उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के यमुना विहार इलाके में भाजपा की बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई थी, जिसके बाद वो विभिन्न राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए थे। इसके जवाब में उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘मैंने इसलिए वर्दी पहनी क्योंकि मुझे अपनी सेना पर गर्व है। मैं भारतीय सेना में नहीं हूं लेकिन अपने अंदर के एकजुटता के भाव को दिखा रहा था। मुझे इसके लिए अपमान क्यों झेलना क्यों चाहिए? मैं अपनी सेना का बहुत सम्मान करता हूं।’ उन्होंने उनकी आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर इस लॉजिक से देखा जाए तो अगर कल मैं नेहरू जैकेट पहन लूं तो क्या ये जवाहरलाल नेहरू का अपमान होगा ?’
सोशल मीडिया पर मचा था बवाल
आपको बता दें कि मनोज तिवारी के आर्मी प्रिंट वाली ड्रेस पहनने के कारण सोशल मीडिया और राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने इसे सीधे-सीधे अपराध बताया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ये भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 171 का उल्लंघन है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट में निशाना साधते हुए लिखा था, ‘बेशर्म बेशर्म बेशर्म, भाजपा सांसद और दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी सैनिकों की यूनिफॉर्म पहनकर वोट मांग रहे हैं। भाजपा-मोदी-शाह हमारे जवानों पर राजनीति कर उनका अपमान कर रहे हैं। इसके बाद वे देशभक्ति पर लेक्चर भी दे रहे हैं।’ वहीं, लोगों ने इसपर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आर्मी वर्दी जैसे कलर और डिजाइन वाले कपड़े कोई आम ड्रेस नहीं है। मेहनत और जज्बे से इस वर्दी को कमाया जाता है।