देश में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा के खिलाफ विपक्ष ने मानव सुरक्षा कानून (मासुका) कैंपेन लॉन्च किया है। इस कैंपेन के तहत बुधवार को विपक्ष के नेता दिल्ली में एकत्र होंगे।
नई दिल्ली। बीते कुछ माह में देश में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ विपक्ष ने मानव सुरक्षा कानून (मासुका) कैंपेन लॉन्च किया है। इस कैंपेन के तहत बुधवार को विपक्ष के नेता दिल्ली में एकत्र होंगे और केंद्र सरकार से मानव सुरक्षा कानून बनाने की मांग करेंगे। विपक्ष का यह कैंपेन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। ट्वीटर पर लोग इस कैंपेन का समर्थन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से भीड़ द्वारा हो रही हिंसा पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लोगों से इस कैंपेन को समर्थन देने की अपील की है।
कई दलों ने किया समर्थन
मासुका कैंपेन को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई अन्य दलों ने समर्थन किया है। इस कैंपेन के तहत बुधवार को नई दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद
शशि थरूर,
दिग्विजय सिंह, सीपीआईएम सांसद एमबी राजेश,
आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता मनोज झा, जनता दल यूनाइटेड नेता पवन वर्मा शामिल होंगे। इसके अलावा समाजवादी पार्टी, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
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पीएम को देंगे ज्ञापन
विपक्ष की ओर से लॉन्च किए गए इस कैंपेन का उद्देश्य गाय और दूसरे कारणों के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा पर रोक लगाना है। यह नेता प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को ज्ञापन देकर इस कानून को लागू करने और इस पर चर्चा शुरू करने की मांग करेंगे। गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के खिलाफ कांग्रेस ने राज्यसभा में नोटिस देकर बुधवार को चर्चा करने की भी मांग की है।
मोदी भी उठा चुके हैं गोरक्षा के नाम पर हिंसा का मुद्दा
बता दें कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी भी गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा का मुद्दा उठाते हुए नाराजगी जता चुके हैं। इसी माह अपने गुजरात दौरे पर भी पीएम मोदी ने गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर नाराजगी जताते हुए हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। रविवार को
मानसून से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में भी पीएम मोदी ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। उन्होंने राज्यों से भी इस प्रकार की हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा था।
सोशल मीडिया पर मिल रहा जबरदस्त समर्थन
विपक्ष की ओर से लॉन्च किए गए इस कैंपेन को सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ट्वीटर पर इस कैंपेन के समर्थन में कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। यूजर हिंसा करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पंखुरी पाठक नाम की एक यूजर ने ट्वीटर पर लिखा है कि भीड़ की हिंसा भारत में महामारी बनती जा रही है और सरकार ने इस मामले पर आंखें बंद कर रखी हैं। महालक्ष्मी नाम की यूजर ने भी ऐसा ही ट्वीट किया है।