दोबारा हिंदुस्तान से रिश्ता बनाना पड़ेगा: मुफ्ती
महबूबा शनिवार को श्रीनगर के एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रही थीं। यहां उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 एक पुल की तरह है। यदि आप उस पुल (अनुच्छेद 370) को तोड़ते हैं … तो महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर और हिंदुस्तान के संविधान की कसम खाती है और आवाज उठाती है तो फिर वह आवाज कैसे उठाएगी। फिर तो आपको दोबारा जम्मू-कश्मीर और हिंदुस्तान का रिश्ता बनाना पड़ेगा। इसकी नई शर्त होंगी। क्या आप इसके लिए तैयार हैं? क्या 1947 की तरह एक मुस्लिम बहुसंख्यक प्रदेश के साथ फिर से मिलना चाहेंगे?
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‘भारत से जुड़ने के लिए दोबारा सोचना होगा’
पीडीपी नेता ने आगे कहा कि हम आपके साथ जिन शर्तों पर आए थे अगर वो शर्त खत्म होंगी तो हमें दोबारा सोचना होगा कि हम क्या आपके साथ बिना शर्तों के रहना चाहेंगे। अरुण जेटली साहब को यह सोचना चाहिए, क्योंकि अगर 370 को खत्म करोगे तो जम्मू-कश्मीर के साथ आपका रिश्ता खत्म हो जाएगा।
जेटली ने क्या कहा था?
बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अनुच्छेद 35 A को विभाजनकारी बताया था। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में लाखों नागरिक मतदान करते हैं, लेकिन विधानसभा, नगरनिगम या पंचायत चुनावों में नहीं करते हैं। उनके बच्चों को सरकारी नौकरियां नहीं मिल सकती हैं। वे संपत्ति के स्वामी नहीं बन सकते हैं और उनके बच्चों का दाखिला सरकारी संस्थानों में नहीं हो सकता है। यह उन पर भी लागू होता है जो देश में अन्यत्र निवास करते हैं। प्रदेश से बाहर शादी करने वाली महिलाओं को पैतृक संपत्ति से वंचित होना पड़ता है। ये जम्मू-कश्मीर सरकार को न सिर्फ प्रदेश के निवासियों और भारत के अन्य नागरिकों के बीच भेदभाव करने का अधिकार मिलता है बल्कि प्रदेश के दो नागरिकों के बीच भी स्थायी निवासी व अन्य के आधार पर भेदभाव होता है।