हालांकि नजरबंदी के 7 महीने बाद फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को तो रिहा कर दिया गया है, लेकिन अब तक पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को रिहाई नहीं दी गई है।
इस बीच अपनी रिहाई को लेकर महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है। महबूबा मुफ्ती मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी सरकार महिलाओं से डरती है। कोरोनावायरस के खतरे के बीच डॉक्टर पीएम मोदी को लिखा खुला खत, बताया जान को खतरा
देश में कोरोना वायरस की महामारी के बीच 24 मार्च को ही उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया है। उमर को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के ऐलान से ठीक पहले देर रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी लगा दिया गया था।
यानी वो पिछले सात महीने से ज्यादा वक्त से नजरबंद थे। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के लिए याचिका लगाई थी। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि वो बताएं रिहा कर रहे हैं या नहीं, वरना हम इस पर सुनवाई करेंगे। सुनवाई से पहले ही उमर को रिहा कर दिया गया।
उमर अब्दुल्ला की रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अच्छा लगा वो (उमर अब्दुल्ला) रिहा हो रहे हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि नारी शक्ति और महिला उत्थान की बात तो होती है, लेकिन लगता है ये सरकार सबसे ज्यादा महिलाओं से ही घबराती है।
इससे पहले महबूबा मुफ्ती की बेटी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अपनी मां की रिहाई की मांग की थी। इल्तिजा मुफ्ती ने अपने पत्र में लिखा है कि एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है और भारत अगली स्टेज में जा रहा है, ऐसे में मेरी मां समेत उन तमाम लोगों को रिहा किया जाए जिन्हें बंद किया गया है।