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अलगाववादी नेता मीरवाइज ने की पाकिस्तान की वकालत, पीएम मोदी से कहा- कर लो बातचीत

Published: Nov 30, 2018 10:02:39 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

कश्मीर में आए पत्थरबाजों और आतंकियों के लिए लड़ने वाले अलगाववादी नेता अब पीएम मोदी को पाकिस्तान से बात करने की नसीहत दे रहे हैं।

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अलगाववादी नेता मीरवाइज ने की पाकिस्तान की वकालत, पीएम मोदी से कहा- कर लो बातचीत

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तानी दहशतगर्दों के लिए सहानुभूति रखने वाले अलगाववादी नेता अब भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने की नसीहत दे रहे हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुक ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से बार-बार दिए जा रहे वार्ता प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब देकर दोनों देशों के बीच शांति स्थापना का मौका दें।

‘बातचीत से पैदा हो शांति’

अक्सर पाकिस्तान की वकालत करने वाले मीरवाइज ने ट्विटर पर लिखा कि नरेंद्र मोदी को इमरान खान द्वारा बार-बार दिए जा रहे वार्ता प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब दें ताकि दोनों नेताओं के बीच विश्वास पैदा हो और शांति स्थापना का वास्तव में मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि समस्याओं को सेना के जरिए कभी भी हल नहीं किया जा सकता लेकिन करतारपुर गलियारा खोलने जैसे मानवीय रुख के साथ सही दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।

 

https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw

भारत साफ कर चुका है अपना पक्ष

कश्मीर में आए पत्थरबाजों और आतंकियों के लिए लड़ने वाले अलगाववादी नेता ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह लोकतांत्रिक परिपक्वता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता कर कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान करें। गौरतलब है कि सीमा पर आए दिन घुसपैठ और सीज फायर तोड़ने वाला पाकिस्तान दुनिया के सामने अपनी साफ छवि बनाने के चक्कर में आए भारत को बातचीत का न्यौता देता रहता है लेकिन भारत हर बार कहता है कि आतंक और बाचचीत एक साथ नहीं हो सकता है।

इमरान ने करतारपुर में की शांति की वकालत

बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शांति बहाली की वकालत की। उन्होंने कहा कि जब फ्रांस और जर्मनी एक साथ आ सकते हैं तो भारत-पाकिस्तान क्यों नहीं। इमरान ने कहा कि दुनिया में ऐसा कौन सा मसला है जो बातचीत के जरिए हल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम आरोप लगाने में विश्वास नहीं करते। अगर हिंदुस्तान एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दोस्ती के लिए दो कदम आगे चलेगा।

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