‘बातचीत से पैदा हो शांति’
अक्सर पाकिस्तान की वकालत करने वाले मीरवाइज ने ट्विटर पर लिखा कि नरेंद्र मोदी को इमरान खान द्वारा बार-बार दिए जा रहे वार्ता प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब दें ताकि दोनों नेताओं के बीच विश्वास पैदा हो और शांति स्थापना का वास्तव में मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि समस्याओं को सेना के जरिए कभी भी हल नहीं किया जा सकता लेकिन करतारपुर गलियारा खोलने जैसे मानवीय रुख के साथ सही दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।
भारत साफ कर चुका है अपना पक्ष
कश्मीर में आए पत्थरबाजों और आतंकियों के लिए लड़ने वाले अलगाववादी नेता ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह लोकतांत्रिक परिपक्वता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता कर कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान करें। गौरतलब है कि सीमा पर आए दिन घुसपैठ और सीज फायर तोड़ने वाला पाकिस्तान दुनिया के सामने अपनी साफ छवि बनाने के चक्कर में आए भारत को बातचीत का न्यौता देता रहता है लेकिन भारत हर बार कहता है कि आतंक और बाचचीत एक साथ नहीं हो सकता है।
इमरान ने करतारपुर में की शांति की वकालत
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शांति बहाली की वकालत की। उन्होंने कहा कि जब फ्रांस और जर्मनी एक साथ आ सकते हैं तो भारत-पाकिस्तान क्यों नहीं। इमरान ने कहा कि दुनिया में ऐसा कौन सा मसला है जो बातचीत के जरिए हल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम आरोप लगाने में विश्वास नहीं करते। अगर हिंदुस्तान एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दोस्ती के लिए दो कदम आगे चलेगा।