मोदी सरकार का दावा, चार साल में किया पांच साल का काम
इस 26 मई को चार साल पूरा होने के बाद मोदी सरकार जनता को अपने कामकाज का हिसाब देने का काम करेगी।

नई दिल्ली। मोदी सरकार 26 मई को अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करेगी। इस अवसर पर सरकार की रणनीति देशव्यापी प्रचार अभियान शुरू करने की है। इस अभिायन की थीम चार साल में पांच साल का काम होगी। इसका मकसद लोगों को यह बताना है कि पिछले चार साल में सरकार ने जनहित में कौन-कौन से काम किए। इसके लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों से उपलब्धियों के आंकडे़ जुटाकर पीएमओ भेजने के निर्देश दिए हैं। ताकि लोगों को इसकी जानकारी देकर सरकार विपक्ष के दुष्प्रचार को करारा जवाब दे सके।
अभियान के केंद्र में गरीब और दलित
मोदी सरकार के प्रचार अभियान के केंद्र में गरीब और दलितों के लिए बनाई योजनाओं की उपलब्धियां होंगी ताकि विपक्ष के उस दुष्प्रचार की काट की जा सके कि भाजपा सरकार गरीब और दलित विरोधी है। देश भर में सरकार दलितों और गरीबों को यह बताएगी कि पिछले चार साल में उनके हित में क्या-क्या कदम उठाए गए। इसके पीछे सरकार का लक्ष्य अपने ऊपर बेवजह लगे दलित विरोध के ठप्पे को मिटाना है।
मजदूरों को बताएगी प्रॉविडेंट फंड का लाभ
सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हित में प्रॉविडेंट फंड काटने का प्रावधान किया है जिसके ब्याज की रकम सरकार चुकाएगी। इससे उनके नियोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही सरकार के प्रचार अभियान में 12 रुपए प्रतिवर्ष की दर पर दुर्घटना बीमा और एक रुपए प्रतिदिन की दर पर पंद्रह साल तक देने से साठ साल की उम्र के बाद 5,000 रुपए प्रतिमाह की पेंशन का प्रावधान है। यह रकम लेने के लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि यह पैसा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से हर महीने उनके जनधन बैंक खाते में आ जाएंगे।
कैसे आधार से बचाए 50,000 करोड़
सरकार ने पिछले चार सालों में डीबीटी के जरिए 50,000 करोड़ रुपए बचाए हैं। यह सब आधार की वजह से फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने से संभव हुआ है। सरकार का मानना है कि वे लोग ही निजता के नाम पर आधार का विरोध कर रहे हैं जिनके आर्थिक हितों पर अंधकार की वजह से कुठाराघात हुआ है। सरकार लोगों को यह बताने का काम करेगी कि सरकार की विभिन्न योजनाओं से विरोध करने वाले लोग गैर कानूनी तरीका इजाद का अभी तक लाभ उठाए हैं। पिछले चार साल के दौरान उन्हें ऐसा करने से रोका गया है। इसका सीधा लाभ यह हुआ कि सरकारी राजस्व के 50,000 करोड़ रुपए दलालों के हाथों में नहीं गए।
गरीबों को किन-किन मदों में पहुचाया लाभ
सरकार के प्रचार अभियान में उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन और पहला सिलेंडर देना, उजाला योजना के तहत मुफ्त एलईडी बल्ब बांटना, सौभाग्य योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाना, इंद्रधनुष योजना के तहत दो साल तक की उम्र के बच्चों को सात बीमारियों से बचने की मुफ्त टीकाकरण और जन धन योजना के तहत सभी के जीरो बैलेंस के बैंक खाते खुलवाना शामिल हैं।
एक साल में पांच करोड़ रोजगार देने का दावा
विपक्ष का आरोप है कि भाजपा ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। इसमें मोदी सरकार पूरी तरह से असफल रही है। इसकी काट करने के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) के मापदंड बदल रही है। अब जिन लोगों को सरकार ने अपना रोजगार शुरू करने के लिए तीन साल पहले शुरू हुई मुद्रा योजना के तहत कर्ज उपलब्ध कराया है, उनकी गिनती भी नौकरियों में की जाएगी। केवल एक साल (2015-16) के दौरान ही केंद्र सरकार ने 4.53 करोड़ लोगों को 50,000 रुपए का कर्ज उपलब्ध कराया है। इस साल 2.28 करोड़ रुपए का कर्ज स्वीकृत हुआ
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