script…तो इसलिए घटे थे डीजल और पेट्रोल के दाम | Modi government reduced oil rate just before 5 state assembly election | Patrika News

…तो इसलिए घटे थे डीजल और पेट्रोल के दाम

Published: Oct 06, 2018 11:42:18 am

Submitted by:

Mohit sharma

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने-अपने यहां तेल के दामों में कटौती के सख्त निर्देश दिए थे, जिसके बाद अधिकांश राज्यों में डीजल और पेट्रोल के मूल्यों में पांच रुपए तक की कमी कर दी।

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…तो इसलिए घटे थे डीजल और पेट्रोल के दाम

नई दिल्ली। देश में सालों से लोगों के लिए परेशानी का कारण बने डीजल और पेट्रोल के दाम शुक्रवार को अचानक कम कर दिए गए। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने-अपने यहां तेल के दामों में कटौती के सख्त निर्देश दिए, जिसके बाद अधिकांश राज्यों में डीजल और पेट्रोल के मूल्यों में पांच रुपए तक की कमी कर दी। लंबे समय से तेल के दामों पर नियंत्रण न होने की बात कहने वाली केंद्र सरकार के अचानक यू टर्न ने जहां लोगों को आश्चर्य में डाल दिया, वहीं शनिवार आते-आते तेल के दामों की सियासत से पूरा पर्दा उठा गया। दरअसल, भारतीय चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को एक प्रेस कॉंफ्रेंस बुलाई गई है। प्रेस कॉंफ्रेंस में आयोग पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।

अब चूंकि तेल के दाम पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा से केवल एक दिन घटे। ऐसे में तेल के दामों ने तेल की सियासत की पूरी पोल खोल दी है। यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार की ओर से यह कदम पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से ऐन पहले उठाया गया है। हालांकि किन-किन राज्यों पर केंद्र सरकार के इस कदम का कितना-कितना फर्क पड़ेगा यह तो भविष्य की बात है, लेकिन तेल के उंचाई छू रहे दामों को लेकर जनता का दर्द समझने वाली मोदी सरकार की मंशा साफ जाहिर हुई है।

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आपको बता दें कि तेल की महंगाई को लेकर विपक्ष के हमले का प्रतिकार करते हुए केंद्र सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले गुरुवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी थी। केंद्र की अपील पर भारतीय जनता पार्टी शासित कुछ राज्यों ने भी तेल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती की घोषणा की। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तेल के दाम में कटौती की घोषणा करते हुए कहा था कि सरकार के इस फैसले से चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में 10,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों से भी इसी प्रकार की कटौती करने की अपील की।

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