टारगेट से काफी पीछे चल रही है बिहार सरकार दरअसल, सूबे के नीतीश सरकार योजना के तहत दिए गए टारगेट से काफी पीछे चल रही है। जानकारी के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने 31 दिसंबर तक इस योजना के तहत देशभर में 1 करोड़ मकानों के निर्माण का टारगेट रखा था। लेकिन, बिहार सरकार तय टारगेट का सिर्फ 3 प्रतिशत ही अभी तक पूरा कर सकी है। बिहार सरकार को टारगेट के मुताबिक, अभी तक करीब 11.76 लाख मकानों का निर्माण कर लेना चाहिए था। लेकिन, आकंडों के अनुसार बिहार सरकार अभी तक सिर्फ 32,530 मकानों का निर्माण करा सकी है।
टारगेट पूरा नहीं होने पर बिहार सरकार ने दिया यह तर्क वहीं, टारगेट पूरा नहीं होने पर बिहार सरकार ने तर्क दिया है कि रेत की भयंकर कमी के कारण उनका राज्य दिए गए टारगेट से पीछे रह गया है। दरअसल, बिहार में अवैध खनन पर रोक लगने के बाद से राज्य में रेत की कमी हो गई है। जिसके कारण टारगेट पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि, अधिकारियों ने रेत की निर्बाध आपूर्ति की बात कही है। बता दें कि बिहार सरकार को दिसंबर तक तय टारगेट पूरा करना है तो उसे हर महीने 1.22 लाख मकानों का निर्माण करना होगा। नीतीश सरकार के खराब प्रदर्शन को देखते हुए केन्द्र सरकार ने बिहार को 2018-19 के लिए नया टारगेट नहीं देने का विचार किया है। यहां आपको बता दें कि एक बैठक में बिहार ने 12 अप्रैल तक 50000 मकानों के निर्माण का वादा किया था, लेकिन बिहार यह टारगेट भी पूरा करने में नाकाम रहा। सूत्रों के अनुसार, बिहार सरकार ने 2.46 लाख मकानों का निर्माण पूरा करने में पहले से ही असमर्थता जता दी है। इसके पीछे बिहार सरकार ने तर्क दिया है कि राज्य में एससी-एसटी लाभार्थियों की कम संख्या के कारण सरकार ऐसा करने में असमर्थ है।