मोदी सरकार के मंत्री 3 महीने में करेंगे 68 देशों का दौरा
बड़े पैमाने पर विदेशी दौरे को लेकर बीजेपी सरकार को विपक्ष से काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी अब तक कई विदेश दौरे कर चुके हैं और इनके लिए चर्चाओं में भी रहे हैं। अब अगले तीन महीनों में उनके कैबिनेट मंत्री 68 देशों की यात्रा करेंगे। वैसे तो इसे संपर्क और संवाद का पारंपरिक अभियान माना जा रहा है, लेकिन ज्यादातर दौरे उरी हमले और उसके बाद भारत की तरफ से हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यानी अक्टूबर और नवंबर में हो रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने ऐसे 68 देशों की पहचान की है जिनसे पिछले दो साल में उच्चस्तरीय संपर्क नहीं हुआ है। इन देशों की जिम्मेदारी मोदी के कैबिनेट मंत्रियों को सौंपी गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जून से सितंबर के दौरान इसके लिए मंत्रियों को चिट्ठी भेजी है। इसमें दिसंबर तक इन दौरों को पूरा करने के लिए कहा गया है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह को हंगरी, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू को डेनमार्क और आइसलैंड, रोड ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकीर को पनामा और निकरागुआ और अनंत कुमार को टैंगो रिपब्लिक का दौरा करना है। इसी तरह, रविशंकर प्रसाद को एस्टोनिया और लातीविया, रामविलास पासवान को मॉरीशस, चौधरी बीरेंद्र सिंह को जर्मनी, मेनका गांधी को रोमानिया और जुआल ओरम को बोत्सवाना जाना है।
बड़े पैमाने पर विदेशी दौरे को लेकर बीजेपी सरकार को विपक्ष से काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार का पहले साल में ट्रैवल बिल 317 करोड़ रुपये का रहा, जबकि यूपीए-2 सरकार ने अपने आखिरी साल यानी 2013-14 में इस मद में 59 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। ट्रैवल बिल में कैबिनेट और राज्य मंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों की यात्रा और वीवीआईपी लोगों (प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति) की तरफ से इस्तेमाल किए विमान के मेंटेनेंस पर हुए खर्च शामिल हैं।
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