भोपाल

भोपाल-इंदौर में दौड़ेगी मेट्रो, केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुआ MOU

भोपाल और इंदौर मेट्रो के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच हुआ एमओयू, जल्द शुरू होगा काम

भोपालSep 25, 2019 / 03:08 pm

Muneshwar Kumar

भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में जल्द ही मेट्रो दौड़ेगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच एमओयू साइन हो गया है। एमओयू साइन के दौरान केंद्रीय नगर विकास मंत्री हरदीप पुरी और मध्यप्रदेश के नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह मौजूद रहे। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में इन दोनों शहरों में मेट्रो दौड़ने लगेगी।
दरअसल, भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच एमओयू हुआ। प्रोजेक्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्ध सिंह ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत रूपये 6941 करोड़ 40 लाख रुपये होगी।
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इंदौर में ऐसा होगा
इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख रुपये है।
ये हैं अहम बातें
भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा किया जाएगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50:50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी। कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।
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मध्यप्रदेश सरकार उठाएगी ये खर्च
प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जाएगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर कैपिटल खरीदेगी, जिससे प्रोजेक्ट के लिए बहुपक्षीय और द्विपक्षीय लोन की सुविधा मिल सके।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी
प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे। भारत सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैण्डर्ड और स्पे‍सिफिकेशन्स को एप्रूव करेगी। सुरक्षा का सर्टिफिकेट मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर देंगे।
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