ये पहला मौका नहीं है ये पहला मौका नहीं है जब यूपी के किसी नेता ने सीएम योगी से नाराजगी जताई है। इससे पहले बीजेपी की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने भी सरकार से नाराजगी जताई थी। उससे पहले सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी सीएम योगी से ख़फ़ा थे।
घर को ही वन क्षेत्र में डाला उन्होंने बताया कि जब प्रदेश में अखिलेश सरकार थी उस समय 2015 में नौगढ़ वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत पीएम समेत कई लोगों से की लेकिन कार्रवाई की बजाय अधिकारियों ने उनके उनके घर को ही वन क्षेत्र में डाल दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर दोबारा पैमाईश में सच सामने आया कि उनका घर वनक्षेत्र में नहीं है।
अपराधिक तत्वों ने रिवॉल्वर तानी दूसरा मामला प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद का है। अक्टूबर 2017 में उनके भाई (क्षेत्र पंचायत नौगढ़ का प्रमुख) के खिलाफ समाजवादी पार्टी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर वोटिंग के दौरान असलहों से लैस अपराधिक तत्वों ने उन पर रिवॉल्वर तान दी, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर धमकी दी गाली दी। उस समय अधिकारी भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने कोई करवाई नही की।सांसद छोटेलाल ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वह शिकायत लेकर सीएम योगी से दो बार मिले लेकिन उन्होंने डांट कर भगा दिया। पीएम मोदी ने सांसद छोटेलाल को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।