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Paradise Papers: फर्जी कंपनियों में पैसा लगाने पर हुआ सवाल, तो BJP सांसद ने लिखकर कहा- मौन व्रत पर हूं

locationनई दिल्लीPublished: Nov 06, 2017 03:45:15 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

पैराडाइज पेपर्स में नाम आने पर BJP राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा ने सवालों से बचने के लिए कागज पर लिखकर बताया कि वो 7 दिन के मौन व्रत पर हैं।

Ravindra Kishore Sinha
नई दिल्ली : पनामा पेपर्स लीक के बाद पैराडाइज पेपर्स के सनसनी खुलासे ने एकबार फिर भूचाल ला दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पैराडाइज पेपर्स की इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। इसमें बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा का नाम भी शामिल है। सोमवार को जब मीडिया ने इसपर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कागज पर लिखकर बताया कि ‘7 दिन के भागवत यज्ञ में मौनव्रत है’।
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पनामा पेपर्स में भी था सिन्हा का नाम
राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा का नाम इससे पहले लीक हुए पनामा पेपर्स में भी था। 2014 में राज्यसभा पहुंचे सिन्हा का नाम राज्यसभा के सबसे अमीर सांसदों में गिना जाता है। सिन्हा ने सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (SIS) नाम की एक प्राइवेड कंपनी की स्थापना की थी और आज वो इसके प्रमुख भी हैं। रविंद्र किशोर सिन्हा के फर्म का संबंध दो विदेशी कंपनियों से है।

विदेशी कंपनी से है सिन्हा की कंपनी का संबंध
माल्टा के रजिस्ट्री विभाग के मुताबिक सिन्हा का फर्म सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज 2008 में एशिया पैसिफिक होल्डिंग्स लिमिटेड (ASPHL) रजिस्टर्ड हुई थी। यह एसआईएस की सहयोगी कंपनी है। सिन्हा की पत्नी रीता किशोर सिन्हा ASPHL की डायरेक्टर हैं जबकि सांसद रविंद्र किशोर इस कंपनी के एक छोटे से शेयरहोल्डर हैं।

सबसे बड़ा फाइनेंशियल डेटा लीक
बता दें कि इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्निलिस्ट ICIJ ने दुनिया भर के रइसों और कॉरपोरेट कंपनियों की टैक्स चोरी का बड़ा खुलासा किया है। इसे पैराडाइज पेपर्स नाम दिया गया है। इसे फाइनेंशियल डेटा की अबतक की सबसे बड़ी लीक बताया जा रहा है। पनामा पेपर्स की तरह इसमें भी भारत के कई हस्तियों और कंपनियों के भी नाम सामने आ रहे हैं।

पैराडाइज पेपर्स में 714 भारतीय का नाम
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय कंपनियों से जुड़े दस्तावेजों को पढ़ने परखने में ही 10 महीने से ज्यादा वक्त लग गए हैं। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर एप्पलबी है जो एक लॉ फॉर्म हैं। 119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वह लोग भी शामिल हैं जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं।
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