मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के दूसरे पक्ष ने राम मंदिर पर कोर्ट के बाहर किसी भी तरह की बातचीत का विरोध किया है। इस गुट का कहना है कि श्रीश्री रविशंकर और बोर्ड के लोगों के बीच समस्या समाधान को लेकर जारी बातचीत गलत है।
बाबरी विध्वंस अतीत की बात
श्री श्री से बातचीत के बाद मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि बाबरी विध्वंस का जो मंजर बीत गया वो एक अतीत था। सौहार्द के लिए मुसलमानों के लिए कहीं और मस्जिद और यूनिवर्सिटी बनाई जाए। जहां तक बाबरी मस्जिद की बात है तो वहां पर एक अरसे से नमाज नहीं होता है। हमारी इच्छा है कि मुस्लिम आबादी में जो जगह है वो जगह मुसलमानों को मिले। वहां वो एक अच्छी मस्जिद बनाएं। इसके साथ हमें यूनिवर्सिटी बनो की भी इजाजत दी जाए।
मौलाना सलमान नदवी इस्लाम के बड़े जानकार हैं। पूरी दुनिया में उनकी अपनी अलग पहचान है। वो बड़े-बड़े इस्लामिक देशों में इस्लाम पर लेक्चर देने जाते हैं। वर्तमान में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव मेंबर हैं।
आपको बता दूं कि अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए बेंगलुरु में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ गुरुवार को बैठक हुई। इस बैठक में तीन तरह के फार्मूले निकले हैं। विवादित जगह पर ही राम मंदिर बनाने की बात हुई है लेकिन मस्जिद बनाने के लिए अलग अलग जगहें बताई गई हैं।
1. राममंदिर पर सुब्रमण्यम स्वामी का फॉर्मूला-
विवादित जगह पर ही राम मंदिर बनाया जाए। सरयू नदी के दूसरी तरफ मुस्लिम मस्जिद बना लें।
2. राम मंदिर पर जस्टिस पुलक बसु का फॉर्मूला-
जो हिस्सा रामलला विराजमान को मिला है उसी जमीन पर राम मंदिर बने। बाकी जमीन निर्मोही अखाड़ा और सुन्ना वक्फ बोर्ड के पास रहे। मुस्लिम पक्ष जमीन पर कोई निर्माण न करे। मुस्लिम पक्ष 200 मीटर दूर यूसुफ की आरा मशीन की जमीन पर मस्जिद बनाए।
3. हासिम अंसारी और महंत ज्ञानदास का फॉर्मूला
विवादित परिषर में मंदिर और मस्जिद बने, दोनों को 100 फीट की दीवार से बांट दिया जाए.