एमएसपी और भाजपा के इस विलय के साथ राणे व उनके दो बेटों ने भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इनमें कंकावली से भाजपा उम्मीदवार नितेश व पूर्व कांग्रेस सांसद नीलेश ने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ली।
इसके बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आगे बढ़ते हुए नितेश राणे के पक्ष में एक चुनावी रैली को भी संबोधित किया। दिलचस्प बात यह है कि राणे हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देने से पहले मौजूदा कांग्रेस विधायक थे। इस घटना से शिवसेना सकते में है, जिसने बीते सप्ताह मुख्यमंत्री के कंकावली दौरे का कड़ा विरोध किया था।
राणे द्वारा फडणवीस के कंकावली में प्रचार के लिए आने की घोषणा के साथ बीते कुछ दिनों से दोनों सहयोगी दलों के बीच बड़े स्तर पर खींचतान देखने को मिली। फडणवीस के दौरे को शिवसेना के मंत्री खारिज कर रहे थे।
फडणवीस ने कहा, “लंबे समय से सभी नजरें इस (विलय) पर थी, यह आखिरकार आज हो गया। मुश्किल से यहां कोई प्रतिस्पर्धा होगा.. राणे के पार्टी में आने से भाजपा को बड़ा लाभ होगा।”
इस सीट पर शिवसेना ने सतीश सावंत को टिकट दिया है और नितेश राणे को सबक सिखाने की बात कही है।