मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात का जिक्र परिश्रम और परिणाम के संकल्प ने खत्म की परिक्रमा संस्कृति शीर्षक वाले ब्लॉग में किया है। उन्होंने मोदी सरकार की ओर से 6 वर्षों में किए गए कार्यों का विस्तार से अपने ब्लॉग में जिक्र किया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री का कहना है कि सत्ता और सियासत के गलियारे में दशकों से परिक्रमा की परंपरा मजबूत थी। अधिकांश लोग परिक्रमा को ही पराक्रम समझते थे। लेकिन अब वो दौर बदल गया। मोदी सरकार के दौर में पराक्रम की जगह परिश्रम और परिणाम मापदंड हो गया है। इसका परिणाम यह सामने आया कि परिक्रमा को पराक्रम मानने वाले अब हाशिये पर चले गए हैं।
PM Modi ने बिहार में की सौगातों की बारिश, 3000 करोड़ की परियोजनाओं से रेल नेटवर्क को मिलेगी मजबूती अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा कि सामंती गुरुर वाली लाल बत्ती भी इतिहास का हिस्सा बन गई। सांसदों को सब्सिडी जन्मसिद्ध अधिकार लगती थी जो एक झटके में समाप्त हो गई। कुछ मंत्री और सांसद अपना प्रतिनिधित्व खोने के बाद भी सरकारी बंगलों पर कब्ज़ा बनाए रखना अपना संवैधानिक अधिकार मानते थे। अब ऐसा नहीं है और परिक्रमा की कार्य संस्कृति खत्म हो गया है।
मोदी सरकार से पहले मंत्रालयों का मार्च से पहले बजट को गलत तरीके से समाप्त करना सरकार की प्राथमिकता होती थी। अब पहले वाली काम चलाऊ व्यवस्था समाप्त हो गई है। इतना ही नहीं, पहले सरकारें बदलती थीं, मंत्री बदलते थे पर वर्षों से मंत्रियों के निजी स्टाफ वहीं के वहीं बने रहते थे, जिसका नतीजा यह होता था कि सत्ता के गलियारे में घूमने वाले बिचौलिए उस निजी स्टाफ के जरिए बरकरार रहते थे।
J P Nadda : पीएम मोदी ने देश को वोट बैंक के दुष्चक्र से बाहर निकाला, विकास की राजनीति की केंद्रीय मंत्री नकवी मानते हैं कि देश का आर्थिक ताना-बाना आज सही दिशा और सही व्यक्ति के हाथों में है। इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि आगामी महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती राह वापसी करेगी।