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Mukhtar Abbas Naqvi का बड़ा बयान, पीएम मोदी के राज में परिक्रमा को पराक्रम समझने वाले हाशिए पर

locationनई दिल्लीPublished: Sep 18, 2020 04:33:33 pm

Submitted by:

Dhirendra

मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि परिक्रमा संस्कृति का स्थान अब परिश्रम और परिणाम ने ले लिया है।
देश की बागडोर सही व्यक्ति के हाथ में है। सभी झंझावातों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था तेजी से ट्रैक पर वापसी करेगी।
पहले सांसदों को सब्सिडी जन्मसिद्ध अधिकार लगती थी, जो एक झटके में समाप्त हो गई

mukhtar abbas naqvi

मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि परिक्रमा संस्कृति का स्थान अब परिश्रम और परिणाम ने ले लिया है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर क्षेत्र में ईमानदारी और पारदर्शिता से काम का असर दिखाई देने लगा है। अब उनके मंत्री भी उनके सख्त रुख की वजह से मंत्रालयों में आये सकारात्मक परिणााम की चर्चा करने लगे हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ( Mukhtar Abbas Naqvi ) ने शुक्रवार को कहा कि पीएम मोदी ने सत्ता के गलियारे से ‘परिक्रमा संस्कृति’ को खत्म कर ‘परिश्रम और परिणाम’ को बेहतरी का मानदंड तय कर दिया है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात का जिक्र परिश्रम और परिणाम के संकल्प ने खत्म की परिक्रमा संस्कृति शीर्षक वाले ब्लॉग में किया है। उन्होंने मोदी सरकार की ओर से 6 वर्षों में किए गए कार्यों का विस्तार से अपने ब्लॉग में जिक्र किया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री का कहना है कि सत्ता और सियासत के गलियारे में दशकों से परिक्रमा की परंपरा मजबूत थी। अधिकांश लोग परिक्रमा को ही पराक्रम समझते थे। लेकिन अब वो दौर बदल गया। मोदी सरकार के दौर में पराक्रम की जगह परिश्रम और परिणाम मापदंड हो गया है। इसका परिणाम यह सामने आया कि परिक्रमा को पराक्रम मानने वाले अब हाशिये पर चले गए हैं।
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अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा कि सामंती गुरुर वाली लाल बत्ती भी इतिहास का हिस्सा बन गई। सांसदों को सब्सिडी जन्मसिद्ध अधिकार लगती थी जो एक झटके में समाप्त हो गई। कुछ मंत्री और सांसद अपना प्रतिनिधित्व खोने के बाद भी सरकारी बंगलों पर कब्ज़ा बनाए रखना अपना संवैधानिक अधिकार मानते थे। अब ऐसा नहीं है और परिक्रमा की कार्य संस्कृति खत्म हो गया है।
मोदी सरकार से पहले मंत्रालयों का मार्च से पहले बजट को गलत तरीके से समाप्त करना सरकार की प्राथमिकता होती थी। अब पहले वाली काम चलाऊ व्यवस्था समाप्त हो गई है। इतना ही नहीं, पहले सरकारें बदलती थीं, मंत्री बदलते थे पर वर्षों से मंत्रियों के निजी स्टाफ वहीं के वहीं बने रहते थे, जिसका नतीजा यह होता था कि सत्ता के गलियारे में घूमने वाले बिचौलिए उस निजी स्टाफ के जरिए बरकरार रहते थे।
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केंद्रीय मंत्री नकवी मानते हैं कि देश का आर्थिक ताना-बाना आज सही दिशा और सही व्यक्ति के हाथों में है। इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि आगामी महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती राह वापसी करेगी।
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