लोकसभा में नामग्याल ने कहा कि धारा-370 हटाने के फैसले से लोग काफी खुश हैं। इस फैसले से सिर्फ दो परिवारों की रोजी-रोजी जाएगी और कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल होगा। नामग्याल ने कहा कि कारगिल के लोगों ने केंद्रशासित प्रदेश के लिए वोट दिया था।
महादेव के मुरीद मोदी ने किए सावन में संविधान संशोधन, देखें वीडियो लोकसभा में नामग्याल बोले, “UPA ने वर्ष 2011 में कश्मीर को एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी दी। जम्मू में लड़ाई लड़ी और केंद्रीय विश्वविद्यालय हासिल किया। मैं स्टूडेंट यूनियन का लीडर था। लद्दाख में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग की गई, लेकिन हमें नहीं मिली।”
जामयांग सेरिंग नामग्याल ( Ladakh MP Jamyang Tsering Namgyal ) ने आगे कहा, “पीएम मोदी ने हाल ही में हमें यूनिवर्सिटी दी। मोदी है तो मुमकिन है। कुछ लोग चिंतित हैं कि उनका झंडा चला गया।” उन्होंने बताया, “उन लोगों को बता दूं कि लद्दाख के लोगों ने 2011 में ही वह झंडा हटा दिया था। लद्दाख आटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल ने उसी वक्त प्रस्ताव पारित करके उसे हटा दिया था, क्योंकि हम भारत का अटूट अंग बनना चाहते थे।”
सेरिंग यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, “71 साल तक लद्दाख को बिल्कुल भी अपनाया नहीं गया। हम लोगों ने पहले ही कहा था कि हमें जम्मू-कश्मीर के साथ नहीं रखा जाए, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई। इससे हमारा विकास नहीं हुआ।”
जानिए क्या है आर्टिकल 35A, क्यों मचा था बवाल कारगिल के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मैं कारगिल से आता हूं। मैं गर्व से कहता हूं कि हमनें यूनियन टेरेटरी के लिए वोट दिया।”
उन्होंने धारा-370 पर विपक्ष की तकरीबन बोलती ही बंद कर दी। वह बोले, “मैं लद्दाख की तरफ से इस बिल का स्वागत करता हूं। लद्दाख के लोग चाहते थे कि इस क्षेत्र को कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से मुक्त किया जाए, जो आज हो रहा है।”
उन्होंने ( Ladakh MP Jamyang Tsering Namgyal ) कहा, “अब कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल होने वाला है। एक ही देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी का यह संकल्प आज पूरा हो रहा है। तिरंग हमारी पहचान है। जो लोग चिल्ला-चिल्लाकर यह कह रहे हैं कि लद्दाख के लिए ये अच्छा नहीं है, मैं उनको बता दूं कि लद्दाख में मैं रहता हूं, वो नहीं। लद्दाख के बारे में सिर्फ मोदी सरकार ने ही सोचा है। बाकी पिछली सरकारों ने तो इसे नकार दिया था।”