scriptपर्युषण पर्व में जैन मंदिरों में गूंज रही णमोकार मंत्र और भक्ताम्बर की स्वरलहरियां | Namokar Mantra and Bhaktambara's voices echoing in Jain temples in Par | Patrika News

पर्युषण पर्व में जैन मंदिरों में गूंज रही णमोकार मंत्र और भक्ताम्बर की स्वरलहरियां

locationभोपालPublished: Sep 12, 2021 12:06:16 am

 
– दूसरे दिन मार्दव धर्म की हुई आराधना, विश्व कल्याण की भावना के साथ हुई शांतिधारा
– जैन मंदिरों में धार्मिक विधानभोपालदिगम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व के चलते शहर के जैन मंदिरों में श्रद्धा, भक्ति का संगम दिखाई दे रहा है। पर्युषण पर्व के दूसरे दिन शनिवार को मार्दव धर्म की आराधना हुई। इस मौके पर मंदिरों में भगवान जिनेंद्र का अभिषेक और जगत की कल्याण की भावना के साथ मंत्रोच्चारित शांतिधारा की गई, मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और विद्वानों के व्याख्यान हुए

पर्युषण पर्व में जैन मंदिरों में गूंज रही णमोकार मंत्र और भक्ताम्बर की स्वरलहरियां

पर्युषण पर्व में जैन मंदिरों में गूंज रही णमोकार मंत्र और भक्ताम्बर की स्वरलहरियां


पर्युषण पर्व के चलते हबीबगंज जिनालय परिसर, टीटी नगर, कस्तूरबा नगर जैन मंदिर, नंदीश्वर दीप जिनालय, पिपलानी, अशोका गार्डन, साकेत नगर, नेहरू नगर, अयोध्या नगर सहित विभिन्न जैन मंदिरों में पर्युषण पर्व पर अनुष्ठान और धर्मों पर व्याख्यान हो रहे हैं। शहर के जैन मंदिर सुबह से ही केसरिया रंग में रंगे नजर आने लगते हैं। मंदिरों में णमोकार मंत्र और भक्ताम्बर की स्वरलहरियां गूंज रही है।

मन में मृदुलता का भाव आए यहीं मार्दव धर्म
चौक धर्मशाला में मुनिसंघ के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने सामूहिक पूजा, अर्चना कर सभी जीवों से क्षमा याचना करते हुए प्रतिक्रमण किया और तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया। इस मौके पर मुनि संभव सागर महाराज ने कहा कि मन में मृदुलता के भाव आए, यही मार्दव धर्म है। वर्तमान में दस धर्मों को आत्मसात कर जीवनशैली में अपनाकर आत्म कल्याण करने के भाव विरले और पुण्यात्मा जीव ही कर पाते हैं। जिसने अपने हृदय में विनय धारण नहीं किया वह मार्दव धर्म का अधिकारी हो ही नहीं सकता। विनय आत्मा का वह धर्म है जिसके माध्यम से बुझा दीप भी जल उठता है।

दानिश कुंज जिनालय में श्रावक संस्कार शिविर
शांतिनाथ जिनालय दानिश कुंज में श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन मुनि संस्कार सागर महाराज के सान्निध्य में किया जा रहा है। इस मौके पर जिनालय में भगवान शांतिनाथ की अष्ट द्रव्यों से पूजा अर्चना कर सामूहिक णमोकार मंत्र का पाठ और भक्तांबर का पाठ किया गया। इस मौके पर संस्कार सागर महाराज ने मार्दव धर्म पर व्याख्यान देते हुये कहा विनय के बिना विद्या, विज्ञान, दर्शन, चारित्र इत्यादि गुण प्राप्त नहीं होते। उत्तम मार्दव प्रदर्शन का नहीं दर्शन का विषय है।
आज आर्जव धर्म की आराधना
पर्युषण पर्व के तीसरे दिन रविवार को शहर के जैन मंदिरों में आर्जव धर्म की आराधना की जाएगी। इस मौके पर विद्वानों द्वारा आर्जव धर्म पर प्रकाश डाला जाएगा।
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