केंद्रीय मंत्री तोमर ने कमलनाथ सरकार पर शक्ति परीक्षण से ‘भागने’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण से बचने से ही पता चलता है कि राज्य में सरकार अल्पमत में है। दिल्ली में नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर सोमवार शाम मध्य प्रदेश में सियासी संकट को लेकर मैराथन बैठक चली। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, धर्मेंद्र प्रधान और नलिन कोहली शामिल थे।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
केंद्रीय मंत्री तोमर का यह बयान, मध्यप्रदेश विधानसभा के 26 मार्च तक के लिए स्थगित होने के बाद आया है। भाजपा ने सोमवार को शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन ही शक्ति परीक्षण की जोरदार मांग उठाई, मगर अध्यक्ष ने विधानसभा का सत्र ही स्थगित कर दिया। बता दें कि मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई होनी है। इधर कमलनाथ लगातार अपने विधायकों के साथ रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
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राज्यपाल ने सरकार को लगाई फटकार
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “कमल नाथ का कहना है कि वह शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं, मध्य प्रदेश के विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल से शक्ति परीक्षण की मांग की और उन्होंने आदेश भी दिया। फिर भी फ्लोर टेस्ट से भागने से पता चलता है कि कमल नाथ सरकार अल्पमत में है।” मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक स्थगित रहेगा। मंत्री गोविंद सिंह के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना वायरस के खतरे का हवाला देते हुए विधानसभा को दस दिन के लिए स्थगित कर दिया।
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राज्यपाल की ओर से शक्ति परीक्षण कराने के आदेश पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने उन्हें लिखे पत्र में इसे अलोकतांत्रिक बताया था। कहा था कि कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाए जाने की स्थितियों में शक्ति परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।