दरअसल, NCP के अंदर इतना सबकुछ हो गया और घमासान बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन, प्रफुल्ल पटेल कोई बयान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने अजित या शरद पवार को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। इनका आखिरी ट्वीट भी 21 नवंबर यानी गुरुवार को आया था, वह भी फुटबॉल को लेकर। अजित पवार के पार्टी से विद्रोह करने के बाद भी प्रफुल्ल पटेल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सबके मन में यही सवाल है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल चुप्पी क्यों साधे हैं। पार्टी के अंदर बवाल मचा है, लेकिन वह न तो कुछ कर रहे हैं और न ही कुछ बोल रहे हैं।
इधर, एनसीपी की तरफ से अजित पवार को मनाने के लिए लागातार कोशिश जारी है, लेकिन अब तक बात नहीं बनी है। आमतौर पर शरद पवार ऐसे मामलों के सुलझाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को भेजते हैं। लेकिन एनसीपी सूत्रों की मानें तो प्रफुल्ल पटेल घोटाले में जांच से बचने के लिए अभी शांत बैठे हैं। दूसरे सूत्र ने कहा कि जब शरद पवार खुद सारा मामला संभाल रहे हैं तो किसी और की क्या जरूरत है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रफुल्ल पटेल को अजित पवार के विद्रोह जानकारी थी, लेकिन उन्होंने समय रहते हुए भी पार्टी को इसकी सूचना नहीं दी। आलम ये है कि NCP का कोई भी नेता प्रफुल्ल पटेल को कोई जानकारी देने को तैयार नहीं है।