बर्लिन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सूर्या बोस से वादा किया है कि वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान नेताजी पर निगरानी के आरोपों की गंभीरता से जांच करेंगे।
फाइल खुलवाकर जांच करने की पूरी कोशिश करेंगेः मोदीजर्मनी में भारत के राजदूत की ओर से मोदी के सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लेने आए बोस ने कहा कि मोदी ने नेहरू जी के कार्यकाल में नेताजी के परिजनों और खुद उनकी जासूसी संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुए इसकी गंभीरतापूर्वक जांच करने का आश्वासन दिया है। मोदी ने कहा कि उन्होंने खुद वह फाइल नहीं देखी है, इसलिए अभी तुरंत तो कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन वह फाइल खुलवाकर जांच करने की पूरी कोशिश करेंगे।
और पढ़ें…नेताजी के परिवार की जासूसी कभी नहीं सुनी : विश्वरंजनबोस ने कहा कि भारत के लोग नेताजी का सच जानना चाहते हैं और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस मामले में सकारात्मक रवैये से काफी उम्मीद बंधी है। इसके पहले की मनमोहन सिंह सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया क्योंकि उन्हें इससे नेहरू परिवार की छवि खराब होने का डर था। उन्होंने हाल ही में एक किताब में किए गए खुलासों के बारे में कहा कि यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है। वह जब भी यहां सुभाष चंद्र बोस के बारे में कोई लेक्चर देने जाते थे तो भारतीय दूतावास और रॉ के लोग पहुंच जाते थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सच का पता लगाना चाहिए।
और पढ़ें…नेता जी बोस ही नहीं भगत सिंह के परिवार की भी हुई जासूसीबोस ने कहा कि पिछली सरकार के समय से वह नेताजी से जुड़ी जानकारियों को जुटाने के लिए प्रयासरत रहे, मगर तब की सरकार ने इन दस्तावेजों को अवर्गीकृत करने से मना कर दिया था। उसका कहना था कि इससे कानून व्यवस्था का संकट होगा और मित्र देशों के साथ समस्याएं होंगी। उन्होंने कहा कि अब ये काम शुरू हुआ है तो उम्मीद है कि कुछ हो सकेगा।