एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग के अलावा डीडीए को भी इसका जिम्मेदार माना है। एनजीटी ने अपने आदेश में डीडीए को इस कार्यक्रम को कराने की इजाजत देने के लिए दोषी माना है। हालांकि डीडीए पर कोर्ट ने कोई जुर्माना नहीं किया है, क्योंकि डीडीए वहां पर बॉयोडायवर्सिटी बनाने का काम शुरू करने जा रहा है। कार्यक्रम के बाद से ही ये मामला एनजीटी के समक्ष है। गुरुवार को जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, एनजीटी ने इसके लिए ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर अभी अलग से कोई जुर्माना नहीं लगाया है।
एनजीटी के इस फैसले पर सियासत भी शुरू हो गई और श्री श्री रविशंकर असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर आ गए। ओवैसी ने एनजीटी के फैसले के बाद कहा है कि जिस व्यक्ति ने यमुना को बर्बाद कर दिया है, वो अब राम को बचाने के लिए चले हैं। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में ओवैसी ने उन्हें (रविशंकर) श्री श्री कहने से इनकार किया है। ओवैसी ने श्री श्री रविशंकर पर अयोध्या विवाद सुलझाने के मामले में झूठ बोलने का भी आरोप लगाया और उन्हें जोकर भी कहा। उन्होंने कहा कि श्री श्री ने कभी भी मुस्लिम पर्नल लॉ बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात नहीं की लेकिन उन्होंने देश और मीडिया के सामने ऐसा कहकर झूठ बोला।
आपको बता दें कि दिल्ली में यमुना किनारे 11 मार्च 2016 को वर्ल्ड कल्चर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। ये कार्यक्रम 3 दिनों तक चला था। इस कार्यक्रम में दूसरे दिन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम की तुलना कुंभ के मेले से भी की थी। दुनियाभर से इस कार्यक्रम में 35 लाख के करीब लोगों ने शिरकत की थी। इस इवेंट को 2016 का टॉप इवेंट का खिताब भी मिला था। कार्यक्रम में 7 एकड़ के भव्य मंच पर अलग-अलग देशों से आए 37,000 कलाकारों ने डांस, सिंगिंग और संगीत की प्रतियोगिताओं में शिरकत की थी।