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पाकिस्तान का पानी रोकने पर बोले गडकरी, यह अधिकार केवल सरकार और प्रधानमंत्री के पास

Published: Feb 22, 2019 11:23:15 am

Submitted by:

Mohit sharma

पुलवामा हमले पर कार्रवाई के रूप में पाकिस्तान को भारत से मिलने वाले पानी को रोकने की बात
नितिन गडकरी ने कहा कि पाकिस्तान का पानी रोकने का अधिकार केवल उनके हाथ में नहीं है।
पानी रोकने के लिए लिए खुद प्रधानमंत्री और सरकार को मिलकर फैसला लेना होगा।

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पाकिस्तान का पानी रोकने पर बोले गडकरी, यह अधिकार केवल सरकार और प्रधानमंत्री के पास

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले को लेकर एक्शन मोड में आई सरकार ने पाकिस्तान को पूर्वी क्षेत्र की नदियों से मिलने वाले अपने हिस्से के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया। जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को पुलवामा हमले पर कार्रवाई के रूप में पाकिस्तान को भारत से मिलने वाले पानी को रोकने की बात कही। लेकिन अगले ही दिन शुक्रवार को गडकरी ने इस मामले में सफाई पेश कर दी। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि पाकिस्तान का पानी रोकने का अधिकार केवल उनके हाथ में नहीं है। इसके लिए खुद प्रधानमंत्री और सरकार को मिलकर फैसला लेना होगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान को भारत से पाकिस्तान की ओर प्रवाहित होने वाली तीन नदियों व्यास, रावी और सतलुज का पानी मिलता है।

 

https://twitter.com/ANI/status/1098806922554298368?ref_src=twsrc%5Etfw

अपने विभाग से टेक्निकल डिजाइन मांगा

जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने हालांकि इसके लिए अपने विभाग से टेक्निकल डिजाइन मांगा है। विभाग से पूछा गया है कि पाकिस्तान का पानी किस तरह से रोका जा सकता है। गडकरी ने इसको लेकर विभाग से डिजाइन मांगा है। आपको बता दें कि एक दिन पहले गडकरी ने कहा था कि PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला लिया है। हम पूर्वी नदियों के पानी के प्रवाह का मार्ग बदल देंगे और इसकी आपूर्ति जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को करेंगे।

 

रावी नदी पर शाहपुर-कंडी में बांध का निर्माण

एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि रावी नदी पर शाहपुर-कंडी में बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अतिरिक्त, उझ परियोजना में भारत के हिस्से का पानी जम्मू एवं कश्मीर में उपयोग के लिए संग्रह किया जाएगा और बचा हुआ पानी दूसरे रावी-व्यास लिंक से प्रवाहित होगा जो दूसरे राज्यों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उपर्युक्त सभी परियोजनाएं राष्ट्रीय परियोजनाएं घोषित की गईं हैं।

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