अपने उत्तराधिकारी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं, क्योंकि उनका दल पारिवारिक पार्टी नहीं है। राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ हैं। मेरा कोई राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं है। यह जनता पर छोडि़ए कि आपके बाद वह किसे मौका देगी। एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही।
उन्होंने प्रशांत किशोर को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की राय का भी खुलासा किया। जब नीतीश कुमार से यह पूछा गया कि प्रशांत किशोर के मसले पर भाजपा से कोई विवाद तो नहीं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद उन्हें दो बार यह कहा कि वे प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में शामिल कर लें। हमने उन्हें नई पीढ़ी को राजनीति के प्रति प्रेरित करने की जिम्मेवारी दे रखी है।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में विपक्ष घबराया हुआ है। वहां पर महागठबंधन अब अस्तित्व नहीं है। वह एक सामान्य गठबंधन है। उसमें शामिल दलों में आत्मविश्वास की कमी है। हमारे ऊपर जब-जब लोग निगेटिव बात बोलते रहें हैं तब-तब हमारा रिजल्ट पॉजेटिव आया है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में रामविलास पासवान मेजर फैक्टर हैं। वे राजग के साथ हैं। पिछले चुनाव से स्थिति और भी बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग जब तक चाहेंगे, वे सेवा करते रहेंगे। इसके अलावा मन में कुछ और नहीं है। उसके बाद हम यहीं से हम विदा होना चाहेंगे। सवर्ण आरक्षण पर हुए संविधान संशोधन के बारे में जब मुख्यमंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव आता है। सवर्ण समाज में भी गरीबी बढ़ी है तो क्यों नहीं मिलना चाहिए आरक्षण का लाभ? आरक्षण का लाभ किसी के हिस्से को काटकर नहीं दिया जा रहा। संविधान में अलग से प्रावधान किया गया है। हम नहीं समझते कि किसी को इसका विरोध करना चाहिए।