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बिहार सीएम की शपथ लेने के साथ अपने ही रिकॉर्ड तोड़ने से चूके Nitish Kumar, 24 अगस्त को साबित करेंगे बहुमत

locationनई दिल्लीPublished: Aug 10, 2022 08:34:36 pm

बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बन गई है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद शपथ लेने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ कैबिनेट की पहली बैठक भी की। हालांकि इस बार शपथ लेने में नीतीश कुमार अपना ही एक रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए

Nitish Kumar Missed Breaks His Own Record Prove Majority On August 24 In Bihar Assembly

Nitish Kumar Missed Breaks His Own Record Prove Majority On August 24 In Bihar Assembly

बिहार में नई महागठबंधन की सरकार का गठन हो गया है। नीतीश कुमार ने 8वीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। इस शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजश्वी यादव के साथ पहली कैबिनेट मीटिंग भी की। पहली कैबिनेट बैठक में 24 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है। इसी दिन नीतीश कुमार महागठबंधन सरकार का बहुमत भी साबित करेंगे। अब बिहार में महागठबंधन की सरकार है जिसमें आरजेडी, जदयू, कांग्रेस, हम और वाम दल शामिल हैं। वहीं नीतीश कुमार इस बार सीएम पद की शपथ लेने में अपना ही 2017 का एक अनूठा रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए। विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला।
बिहार की नई सरकार में बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 और 25 अगस्त को बुलाया गयाहै। नीतीश-तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा।

नीतीश कुमार अपने 22 साल के राजनीतिक करियर में 8वीं बार सीएम बने हैं. हालांकि, इतनी रफ्तार के बावजूद भी नीतीश अपने एक रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए जो उन्होंने 2017 में बनाया था।

नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ने के नाम से मशहूर है। फिर चाहे वो एनडीए के साथ हो या फिर आरजेडी के साथ। दलों के साथ गठबंधन तोड़ना और फिर सरकार बनाना नीतीश कुमार के लिए कोई नई बात नहीं है।

इसी के चलते 2017 में नीतीश कुमार ने एक अनूठा रिकॉर्ड बना लिया था। वो रिकॉर्ड है तेजी से सरकार गिराने और बनाने का था।

दरअसल वर्ष 2017 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया और अपने पद से इस्तीफा दिया तो इस्तीफे के महज 16 घंटे बाद ही उन्होंने ने नई सरकार बीजेपी के साथ मिलकर बना ली थी।

नीतीश कुमार ने 26 जुलाई की शाम करीब 6 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था और उसके 16 घंटे बाद अगले दिन सीएम पद की शपथ ले ली थी।

लेकिन इस बार नीतीश कुमार अपने ही इस रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए। एनडीए से अलग होने के ऐलान से लेकर अपना इस्तीफा देने और फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में नीतीश कुमार के 22 घंटे का समय लग गया। यानी पिछली बार के चुनाव से वे 6 घंटे से चूक गए।
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