ये है नीतीश की परेशानी
सूत्र बताते हैं कि जद(यू) के तमाम नेताओं को महागठबंधन से नाता तोडऩा तथा भाजपा से हाथ मिलाना पच नहीं रहा है। शरद यादव ऐसे नेताओं का लगातार केन्द्र बने हुए हैं। मंगलवार को भी शरद यादव के तेवर विपक्ष का साथ देने वाले थे। उन्होंने कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल के अलग-अलग तरह के नोट छापने वाले मुद्दे पर खुलकर विपक्ष का साथ दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। किसी भी देश में इस तरह की करेंसी के साथ गड़बड़ी नहीं होती। एक ही नोट छोटे-बड़े आकार के नहीं छापे जाते। उन्होंने कहा कि इसका सरकार को जवाब देना होगा। खास बात यह भी रही कि शरद यादव की सीट नहीं बदली। वह विपक्ष के नेताओं की अगली पंक्ति में राम गोपाल यादव के बगल में ही बैठे दिखाई दिए।
सूत्र बताते हैं कि जद(यू) के तमाम नेताओं को महागठबंधन से नाता तोडऩा तथा भाजपा से हाथ मिलाना पच नहीं रहा है। शरद यादव ऐसे नेताओं का लगातार केन्द्र बने हुए हैं। मंगलवार को भी शरद यादव के तेवर विपक्ष का साथ देने वाले थे। उन्होंने कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल के अलग-अलग तरह के नोट छापने वाले मुद्दे पर खुलकर विपक्ष का साथ दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। किसी भी देश में इस तरह की करेंसी के साथ गड़बड़ी नहीं होती। एक ही नोट छोटे-बड़े आकार के नहीं छापे जाते। उन्होंने कहा कि इसका सरकार को जवाब देना होगा। खास बात यह भी रही कि शरद यादव की सीट नहीं बदली। वह विपक्ष के नेताओं की अगली पंक्ति में राम गोपाल यादव के बगल में ही बैठे दिखाई दिए।
और बढ़ सकती है पार्टी में कड़वाहट
इस तरह से शरद यादव ने जहां अपने रुख पर जद(यू) में रहकर अडऩे का संकेत दे दिया है, वहीं नीतिश कुमार ने अरुण कुमार पर कार्रवाई करके उन्हें अपने तेवर से अवगत कराया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अभी कड़वाहट और बढ़ सकती है। एनडीए के साथ पहले के गठबंधन की सरकार और बिहार की राजनीति में जद(यू) का भाजपा का वर्चस्व रहता था। दूसरी पारी में हालात बदल गए हैं। अब भाजपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। दूसरे पूरे बिहार में लोग नीतीश कुमार को विकास पुरुष तो मानते हैं लेकिन महागठबंधन का टूटना उनके पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं को हजम नहीं हो रहा है।
इस तरह से शरद यादव ने जहां अपने रुख पर जद(यू) में रहकर अडऩे का संकेत दे दिया है, वहीं नीतिश कुमार ने अरुण कुमार पर कार्रवाई करके उन्हें अपने तेवर से अवगत कराया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अभी कड़वाहट और बढ़ सकती है। एनडीए के साथ पहले के गठबंधन की सरकार और बिहार की राजनीति में जद(यू) का भाजपा का वर्चस्व रहता था। दूसरी पारी में हालात बदल गए हैं। अब भाजपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। दूसरे पूरे बिहार में लोग नीतीश कुमार को विकास पुरुष तो मानते हैं लेकिन महागठबंधन का टूटना उनके पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं को हजम नहीं हो रहा है।
कसा तंज, विभीषण राम भक्त थे, लेकिन कुलद्रोही जाते हैं
बिहार प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने एक जद(यू) के नेता के सामने तंज कसा कि विभीषण राम भक्त थे, लेकिन कहे कुलद्रोही जाते हैं तो जद(यू) के नेता का चेहरा देखने लायक था। बताते हैं पार्टी के भीतर इसी तरह के तंज चल रहे हैं। ऐसे में नीतिश अब अपना तेवर सख्त रखना चाहते हैं।
बिहार प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने एक जद(यू) के नेता के सामने तंज कसा कि विभीषण राम भक्त थे, लेकिन कहे कुलद्रोही जाते हैं तो जद(यू) के नेता का चेहरा देखने लायक था। बताते हैं पार्टी के भीतर इसी तरह के तंज चल रहे हैं। ऐसे में नीतिश अब अपना तेवर सख्त रखना चाहते हैं।