लगातार बना हुआ गतिरोध
बता दें कि संसद में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध बना हुआ है, और इस बीच तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए दी गई नोटिसों पर सोमवार को चर्चा शुरू नहीं हो सकी। लोकसभा की कार्यवाही एक घंटे स्थगित होने के बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हुई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रस्ताव के नोटिस सदन पटल पर रखने को कहा, ताकि इस पर चर्चा शुरू की जा सके। प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए इसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। लेकिन जैसा कि पिछले दो सप्ताह से हो रहा है। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और टीआरएस सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी और वे अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कई विपक्षी दलों ने इन नोटिसों पर अपना समर्थन जताया।
राजनाथ सिंह ने की थी अपील
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से खड़े होने को कहा, ताकि प्रस्ताव के समर्थक सदस्यों को गिना जा सके। इस दौरान टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सांसद हाथों में तख्तियां लिए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए। महाजन ने कहा कि जो लोग खड़े हैं, वह उन्हें नहीं गिन पा रही हैं। उन्होंने कहा कि कृपया अपनी-अपनी सीटों पर जाएं। यदि सदन व्यवस्थित नहीं है तो ऐसे में मैं नोटिसों पर चर्चा शुरू नहीं करा सकती। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है। राजनाथ ने कहा था कि हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं। हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए भी तैयार हैं। मैं सभी राजनीतक दलों से सहयोग की अपील करता हूं।