(भुवनेश्वर): वन मैन वन पोस्ट का सिद्धांत लागू करने की बात करने वाले ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक अपने ही लोगों के दबाव में बैकफुट पर आ गए हैं। थोड़ा लचीला होते हुए उन्होंने कहा कि टिकटार्थी की मेरिट उसका जिताऊ होना जरूरी है। पटनायक ने पहले कहा था कि कोई कार्यकर्ता संगठन के पद पर है तो उसे टिकट नहीं मिलेगा। वन मैन वन पोस्ट का तात्पर्य उन्होंने बताया था। इस पर कई कांग्रेसी नेता बगावत पर अमादा हो गए। कांग्रेस ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले टिकट के पैरामीटर तय कर लिए हैं।
युवाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट
जानकारी के अनुसार पार्टी ने युवाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने का मन बनाया है। पटनायक खुद कहते हैं कि नए चेहरों और युवाओं पर दांव लगाया जाएगा। इसमें जीत की संभावनाओं को प्रमुखता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बात कभी नहीं की कि उन लोगों को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा जो पार्टी में अभी किसी पद पर काबिज हैं।
जिताऊ को टिकट में प्राथमिकता
वन मैन वन पोस्ट का मतलब कोई व्यक्ति किसी पद और निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में नहीं रह सकता। गौर तलब है कि ओडिशा में 2019 में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने हैं। जिताऊ महिला, युवा व नए चेहरों को टिकट में प्राथमिकता देने पर निर्णय लिया जा चुका है। निरंजन पटनायक का यह बयान वरिष्ठ नेता सुरेश राउत्रे को 2019 में पार्टी के मौका न देने पर भी चुनाव लड़ने की धमकी देने के बाद आया। जिला कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सुरेश को अंदेशा था कि पार्टी शायद उन्हें उम्मीदवार न बनाए। पटनायक ने दोहराया कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि पद पर काबिज लोगों को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी चुनाव लड़ेंगे।
70 पार चुनावी राजनीति से अलग हों
दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विरोधी दल नृसिंह मिश्र (76) ने कहा कि वह 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। मिश्रा का मानना है कि 70 साल पार करने वाले कांग्रेसी चुनावी राजनीति से स्वतः अलग हो जाएं यह पार्टी के हित में होगा।