पारदर्शी बाजार की जरूरत
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें एक पारदर्शी और लचीले बाजार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच पारस्परिक रूप से सहयोग का संबंध होना चाहिए। मोदी ने कहा कि लंबे समय से दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। उत्पादक और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को संतुलित करने के लिए जिम्मेदार कीमतों की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने व्यापारियों और नौजवानों को पेट्रोकेमिक्ल और इंजीनियरिंग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।
तेल कंपनियों ने इससे इनकार किया है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई दिशा-निर्देश मिला है। आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय से उन्हें ऐसा को निर्देश नहीं मिला है। इससे पहले मीडिया में खबरें चल रही थी कि इस साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार की तरह से तेल कंपनियों को कीमतें नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अगर इस साल डीजल-पेट्रोल की कीमतें नहीं बढ़ाई गई तो इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को एक रुपए प्रति लीटर की हिसाब से नुकसान उठाना पड़ेगा।