अपनी पुस्तक स्टैंडिंग गार्ड, वन ईयर इन अपोजिशन के लांच के अवसर पर पूर्व वित्त मंत्री ने खोले कई राज
चेन्नई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वीकार किया कि पूर्व की संप्रग सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना को लागू करने से रोककर गलती की थी। उन्होंने कहा कि हमने निहित स्वार्थ वालों के विरोध के चलते इसे रोक दिया और इसके लिए एक समिति बनाई। वह यहां अपनी पुस्तक स्टैंडिंग गार्ड, वन ईयर इन अपोजिशन के लांच के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि समिति ने नई भाजपा सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि डीबीटी योजना को रोकने का कोई कारण नहीं था। उसने योजना के विस्तार की बात कही। आज यह योजना पूरे देश में चलाई गई है। चिदंबरम ने स्वीकार किया कि हम डर और घबरा गए थे। इसीलिए डीबीटी योजना का रोक दिया था। इसी तरह राष्ट्रीय आतंक रोधी केंद्र जैसी कई चीजों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
hardik-patel-breaks-his-fast-after-government-accept-conditions-1180935/#sthash.LlsVb1JU.dpuf” target=”_blank”>सरकार ने मानी शर्तें, हार्दिक पटेल ने तोड़ दिया अनशन
उन्होंने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुसंख्यकों का कर्तव्य है। यही बात पाकिस्तान पर भी लागू होती है। अमरीका में राष्ट्रपति दर राष्ट्रपति और नेता दर नेता ने लोगों को यही संदेश दिया कि अश्वेतों को समान आदर और अवसर देना बहुसंख्यक लोगों का कर्तव्य है। चिदंबरम ने कहा कि कश्मीर में हिंदुओं की रक्षा करना मुस्लिमों का कर्तव्य है। जब हम कश्मीर जाते हैं, हमने कहा है कि गांव में रहने वाले हिंदू पंडितों की रक्षा करना मुसलमानों का दायित्व है।
रिटायरमेंट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह रिटायर होने में विश्वास नहीं करते और घंटों काम करते हैं। उन्होंने कहा कि वह लेखन, भाषण, वकालत, स्वस्थ बहस और नौजवानों से मुलाकात एवं चर्चा का आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर आप युवा लोगों के साथ अधिक समय बिताएं तो आप जवान हो सकते हैं। उनके जवान और तरोताजा दिखने के राज के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने यह टिप्पणी की।