‘…अब लगभग पौने चार सौ घटनाएं ही होती हैं’ एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे राजनाथ ने कहा, ‘जम्मू एवं कश्मीर में समस्याएं मुख्य रूप से पाकिस्तान के कारण हैं। मुझे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग होने के बाद वह अब कुछ मामलों पर अपने रास्ते बदलेगा।’ आतंक को मानवता के विरुद्ध अपराध बताते हुए राजनाथ ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में अब स्थिति बदल गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 1995 में जहां लगभग छह हजार आतंकी घटनाएं होती थीं, वहीं अब मात्र 370-380 घटनाएं ही होती हैं।
बीएसएफ जवान की मौत पर भी बोले राजनाथ उन्होंने कहा कि आतंक का किसी धर्म या जाति से संबंध नहीं होता है। कट्टरता को बढ़ावा नहीं देने के लिए उन्होंने भारत के मुस्लिम समुदाय की प्रशंसा की। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में 18 सितंबर को सीमा सुरक्षा बल के हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह की मौत पर राजनाथ ने कहा, ‘हमारी सेना ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की है। मैं पहले भी कह चुका हूं और यह बेतुका बयान नहीं है। कुछ हुआ था, इसीलिए मैं ऐसा कह रहा हूं। मैं यह सार्वजनिक रूप से नहीं कह सकता, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश जाएगा।’