पाक अधिकृत से गुजरता है रास्ता सीपीईसी चीन की सड़क एवं बेल्ट पहल की योजना का हिस्सा है। 5000 करोड़ रुपये की यह परियोजना पश्चिमी चीन के काश्गर से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक फैली हुई है। भारत ने इस परियोजना का विरोध किया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
चीन कर रहा निवेश इस बीच चीन पाकिस्तान में सड़क और रेल नेटवर्क में विस्तार करने के अलावा कई बड़ी परियोजनाओं में भारी निवेश कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इस गलियारा परियोजना में कम से कम 30,000 पाकिस्तानी काम कर रहे हैं।न्यूज इंटरनेशनल डेली ने इकबाल के हवाले से बताया, “कोई भी हमें पीछे नहीं धकेल सकता, यह हर हाल में सफल होगा।”
चीन पाकिस्तान को करता है मदद उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान किसी भी मुसीबत में होता है तो बीजिंग उसका साथ देता है और जब कोई यहां दस डॉलर निवेश करने के लिए तैयार नहीं था तो चीन ने यहां 4600 करोड़ रुपये निवेश कर दुनिया को संदेश दिया है। पाकिस्तान का दावा है कि उसने पिछले साल मार्च में बलूचिस्तान प्रांत से जाधव को गिरफ्तार किया। सीपीईसी बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर समाप्त होता है। हालांकि भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया जहां उसके व्यापारिक हित हैं।
भारत सीपीईसी का करता है विरोध गौरतलब है कि भारत सीपीईसी का विरोध करता है क्योंकि ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से गुजरता है