आपको बता दें कि 2 अगस्त शुक्रवार से पंजाब में विधानसभा सत्र ( punjab assembly session ) शुरू हो रहा है। ऐसे में परगट सिंह समेत कई विधायक चाहते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू इस सत्र में हिस्सा लें। यही वजह रही कि परगट सिंह होली सिटी स्थित सिद्धू के आवास पर उन्हें मनाने पहुंचे।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की बड़ी घोषणा, 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह के बीच मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया लेकिन सूत्रों की मानें तो परगट समेत कई विधायक चाहते हैं कि सिद्धू कल से शुरू हो रहे सत्र में हिस्सा लें। पिछले कुछ दिनों से लगातार कई विधायक सिद्धू को मनाने में जुटे हैं।
निजी मुलाकात थी
जब परगट सिंह से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये उनकी और नवजोत सिंह की निजी मुलाकात थी। इस दौरान किसी भी तरह की सियासी बातचीत नहीं हुई।
जब परगट सिंह से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये उनकी और नवजोत सिंह की निजी मुलाकात थी। इस दौरान किसी भी तरह की सियासी बातचीत नहीं हुई।
दो घंटे चली बातचीत में सिद्धू ने अपने सुरक्षा कर्मी ही नहीं आफिस स्टाफ तक को बाहर भेज दिया। वहीं, सिद्धू से मिलने आए उनके समर्थकों को भी दो घंटे इंतजार करना पड़ा। बड़ा बदलावः लोकसभा में साथ बैठे नजर नहीं आएंगे सोनिया और राहुल गांधी
आपको बता दें कि सिद्धू और परगट के बीच पुराना दोस्ताना है। पंजाब की रजानीति में सिद्धू ने परगट के लिए काफी फील्डिंग की है। यही नहीं पंजाब कैबिनेट में भी उनके लिए पिच तैयार करने वाले सिद्धू ही थे।
इससे पहले डॉ. राजकुमार वेरका भी सिद्धू को मनाने के लिए उनसे मिल चुके हैं। दिल्ली में बढ़ेगा दखल
आपको बता दें कि राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा जोरों पर है कि अब नवजोत सिंह सिद्धू का दखल दिल्ली की राजनीति में बढ़ने वाला है। दरअसल दिल्ली में शीला दीक्षित के निधन से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
आपको बता दें कि राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा जोरों पर है कि अब नवजोत सिंह सिद्धू का दखल दिल्ली की राजनीति में बढ़ने वाला है। दरअसल दिल्ली में शीला दीक्षित के निधन से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
यही वजह है कि कांग्रेस इस कमी को पूरा करने के लिए कद्दावर नेता को तलाशने में जुटी है। ऐसे में सिद्धू कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकते हैं। यही वजह है कि सिद्धू को पंजाब से लाकर दिल्ली का कमान सौंपनी की तैयारी की जा रही है।
सिद्धू के पंजाब विधानसभा सत्र में शामिल ना होना इस बात को और पुख्ता करता है कि अब सिद्धू का फोकस पंजाब से ज्यादा दिल्ली पर है।