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Parliament Monsoon Session: पीयूष गोयल को मिला प्रमोशन, राज्यसभा में बने BJP दल के नेता

locationनई दिल्लीPublished: Jul 14, 2021 07:09:53 pm

Submitted by:

Anil Kumar

पीयूष गोयल को राज्यसभा में बीजेपी दल का नेता बनाया गया है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त किए गए थावरचंद गहलोत की जगह लेंगे।

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Parliament Monsoon Session: Piyush Goyal Appointed BJP Leader Of House In Rajya Sabha

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र (Monsoon session 2021) 19 जुलाई से शुरू होने वाला है, उससे पहले भाजपा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पीयूष गोयल को प्रमोशन दिया है। पीयूष गोयल को राज्यसभा में बीजेपी दल का नेता बनाया गया है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त किए गए थावरचंद गहलोत की जगह लेंगे।

बता दें कि थावरचंद गहलोत को राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद से राज्यसभा में यह सीट खाली थी। अब इसी सीट पर भाजपा पीयूष गोयल को लाया गया है। पीयूष गोयल की सीट अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट के बगल में होगी।

पीयूष गोयल का विपक्ष के साथ अच्छा संबंध

बता दें कि भाजपा ने यह फैसला बड़ा ही सोच समझ कर लिया है। चूंकि भाजपा मानसून सत्र में कई अहम बिलों को पारित कराने की कोशिश करेगी। ऐसे में उन्हें विपक्षी दलो के साथ की जरूरत होगी और पीयूष गोयल का विपक्षी दलों के साथ संबंध अच्छा है। ऐसे में मोदी सरकार की राह आसान हो सकती है।

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पीयूष गोयल 2010 से राज्यसभा के सदस्य हैं। पीयूष गोयल के संबंध व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस पार्टी के अलावा बीजू जनता दल, AIADMK, वाईएसआर कांग्रेस आदि से अच्छे हैं। इतना ही नहीं ममता बनर्जी और केंद्र सरकार की भले ना बनती हो, लेकिन TMC के नेताओं साथ पीयूष गोयल के व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं।

ऐसे में वे सरकार को फायदा दिलाने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं। यही कारण है कि पीएम मोदी और केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ा सोच समझकर ये फैसला लिया है। इससे पहले राज्यसभा में बीजेपी दल के नेता के लिए पार्टी की ओर से भूपेंद्र यादव, निर्मला सीतारमण के नाम पर भी विचार हुआ था।

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18 जुलाई को होगी सर्वदलीय बैठक

आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है जो कि 13 अगस्त तक चलेगी। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने 18 जुलाई को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। माना जा रहा है कि सरकार विपक्षी दलों से सदन के सुचारू रूप से संचालन में मदद की अपील करेगी।

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मालूम हो कि संसद का मानसून सत्र कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन यदि छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा। मोदी सरकार इस 19 दिनों में संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी में है और इनको पास कराने की कोशिश भी करेगी। इन 30 बिलों में से 17 विधेयक नए हैं और बाकी संशोधन बिल हैं।

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल मानसून सत्र में कोरोना संकट, टीकाकरण, तेल की बढ़ती कीमत, महंगाई, बेरोजगारी, रफाल आदि पर केंद्र सरकार घेरेगी।

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