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संसद: एससीएसटी एक्ट मामले पर विपक्ष को नहीं मिला घेरने का मौका

Published: Apr 03, 2018 02:42:14 pm

Submitted by:

Subhash Raj

हिंसा और आगजनी से घबराई सरकार ने लोकसभा में पेश की सफाई
मोदी सरकार ने नहीं बदला कोई भी प्रावधान

Parliament

नई दिल्ली। अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीडऩ कानून के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरोध में देश भर में हुई हिंसा और आगजनी से घबराई सरकार ने उसे घेरने का विपक्ष को मौका दिए बिना ही लोकसभा में स्पष्टीकरण दिया और कहा कि मोदी सरकार ने इस कानून का कोई प्रावधान नहीं बदला, उल्टे उसने इस कानून को मजबूत ही बनाया है। विरोध को देख हतप्रभ हुई सरकार ने सदन में भारी हंगामे के बीच ही इस मामले पर सफाई पेश की।

लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष की एससीएसटी कानून मामले पर सरकार को घेरने की तैयारी थी, लेकिन एआईएडीएमके सदस्यों के वैल में होने से विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं मिल पाया। इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को देशव्यापी बंद में हुई हिंसा और आगजनी से हुए नुकसान पर वक्तव्य देकर अजा-जजा को आश्वस्त किया कि मोदी सरकार ने कानून में कोई संशोधन नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्पन्न रोष का उल्लेख करते हुए राजनाथ ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और मंगलवार को दो बजे बाद इस पर सुनवाई शुरू हो जाएगी।

आरक्षण हटाने की अफवाह को ही बताया निराधार

देश भर में दलित जातियों के सडकों पर उतरने से हतप्रभ सरकार ने सफाई दी कि देश में आरक्षण को हटाने की अफवाह फैलाई जा रही है। गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि आरक्षण हटाने की अफवाह पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार है। सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा बल भी उपलब्ध कराए गए हैं। राजनाथ के वक्तव्य पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ने आरोप लगाए लेकिन शोर-शराबे में सुनाई नहीं दिया।

विपक्ष के मुताबिक देश भर में दलितों के स्वत: स्फूर्त विरोध से सरकार को यह आभास हो गया कि इस मामले में वह दलित जातियों के सीधे निशाने पर आ गई है, इसलिए उसने नुकसान की भरपाई के लिए न सिर्फ वक्तव्य दिया बल्कि उसके जरिए उस संशोधन को भी गिनाया जो उसके कार्यकाल में 2015 में किया गया।

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