पीडीपी के 18 विधायक हुए बागी!
आपको बता दें कि पहले खबर आई थी कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के लिए पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है 56 विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन भेज दिया गया है, लेकिन अब इमरान अंसारी ने खुद के साथ 18 विधायकों के समर्थन का दावा कर सियासत में भूचाल ला दिया है।
क्या है सीटों का खेल
आपको बता दें कि राज्य में सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की जरूरत है। पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन के बाद 56 विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन भेजा है, लेकिन इमरान अंसारी की अगर बात सही है और 18 विधायक बागी है तो पीडीपी के पास सिर्फ 10 ही विधायक बचेंगे। तो ऐसे में पीडीपी, नेशनल कॉन्फेंस और कांग्रेस को मिलाकर भी 37 ही विधायक होंगे जो बहुमत से काफी दूर हैं। वहीं अगर पीडीपी के बागी 18 विधायक भाजपा के साथ चले जाते हैं तो 43 का आंकड़ा बनता है जो बहुमत से एक सीट दूर रहेगा।
अल्ताफ बुखारी का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे
आपको बता दें कि बुधवार को ये खबरें मीडिया में आ गई थीं कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन की कोशिशें की जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए पीडीपी के अल्ताफ बुखारी का नाम सबसे उपर है। उन्होंने ही बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि बहुत जल्द एक अच्छी खबर मिलेगी। वहीं विपक्ष की इस कोशिश को भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने ही पीडीपी से गठबंधन खत्म किया था, जिसके बाद राज्य में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी।
87 में से हमारे 60 विधायकों का समर्थन- अल्ताफ बुखारी
सीएम की रेस में आगे चल रहे अल्ताफ अहमद बुखारी ने भी कहा था कि हमारी पार्टी की तरफ से ये तय है कि राज्य की विशेष पहचान को बचाने और घाटी के हालातों को सुधारने के लिए तीनों राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन हो। अल्ताफ बुखारी ने कहा है कि बहुत जल्दी ही राज्य की जनता को अच्छी खबर मिलेगी। बुखारी ने 87 विधानसभा सीटों में से 60 विधायकों का समर्थन होने की बात कही थी।
भाजपा ने बुलाई विधायक दल की बैठक
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की इस कोशिश से भाजपा में खलबली देखने को मिल गई है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। वहीं इससे पहले जम्मू-कश्मीर बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने कहा था कि अगर तीनों दल साथ आते हैं तो ये पाकिस्तान प्रयोजित होगा, साथ ही जनता को धोखा देने वाली बात होगी।
आपको बता दें कि 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में पीडीपी को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली थी, जबकि भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस पार्टी को 12 सीटें मिली थीं।