पीएम का 1984 दंगों पर दिया गया बयान राजनीति से प्रेरित : कांग्रेस
Published: Nov 02, 2015 04:22:00 pm
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर
2015 में असहिष्णुता को लेकर चिंता बढ़ रही है तो प्रधानमंत्री को इसपर जवाब देना
चाहिए
नई दिल्ली। बिहार के पुर्णिया में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1984 दंगों के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसे टॉलरेंस पर भाषण देने का कोई अधिकार नहीं है। इसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री ऎसे भाषण हताशा में दे रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान राजनीति से प्रेरित है और पुराने जख्मों को कुरेदने का शरारतपूर्ण कदम है।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को 31 साल पुरानी घटना याद आ गई, लेकिन वह यह भूल गए कि गुजरात के 2002 के दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे क्या करने के लिए कहा था। उन्होंने आगे कहा कि कई आयोग इसपर अपनी राय दे चुके हैं। 1984 के दंगों की बात कर अपनी हताशा दर्शा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में दंगों को रोकने के लिए सेना को बुलाया गया था जिसे 72 घंटों के अंदर नियंत्रित कर लिया गया था। 2002 के दंगों में सेना को नहीं बुलाया गया था, जबकि दंगों को भड़काने के लिए मोदी और उनके सहयोगियों ने हर संभव कदम उठाए।
आनंद ने कहा कि यहां तक मूडीज भी प्रधानमंत्री को चेतावनी दे चुकी है कि देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर काबू नहीं पाया गया तो यह भारत की साख के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि देश में असहिष्णुता की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और मंत्री आलोचना सहने के लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री बुद्धिजीवियों और कलाकारों का दमन करने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। अगर 2015 में असहिष्णुता को लेकर चिंता बढ़ रही है तो प्रधानमंत्री को इसपर जवाब देना चाहिए। 31 साल पुराने मामले पर राजनैतिक भाषण देकर प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं।