दो दशक पहले देवगौड़ा ने लिया था हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 48वें विश्व आर्थिक सम्मेलन में दो दशक के बाद हिस्सा लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने 1997 में विश्व के शीर्ष व्यवसायियों तथा राष्ट्र प्रमुखों के इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में भाग लिया था। इस सम्मेलन खास बात यह है कि 47 वर्षों के इतिहास में पहली बार अध्यक्षता की बागडोर पूरी तरह से सात महिलाओं को सौंपी गई है।
सम्मेलन का विषय है विभाजित विश्व में साझा भविष्य का निर्माण
इस वर्ष सम्मेलन का विषय है- विभाजित विश्व में साझा भविष्य का निर्माण। योग ? सत्र और उत्तम भारतीय व्यंजन भी सम्मेलन में आकर्षण का केंद्र होंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, मोदी स्विस महासंघ के अध्यक्ष एलेन बर्सेट के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
इस वर्ष सम्मेलन का विषय है- विभाजित विश्व में साझा भविष्य का निर्माण। योग ? सत्र और उत्तम भारतीय व्यंजन भी सम्मेलन में आकर्षण का केंद्र होंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, मोदी स्विस महासंघ के अध्यक्ष एलेन बर्सेट के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
छह केंद्रीय मंत्री समेत दो मुख्यमंत्री भी शामिल
इस बार सम्मेलन में भारत की सबसे बड़ी भागीदारी होगी, क्योंकि वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु समेत छह केंद्रीय मंत्री, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस विभिन्न समारोहों में भाग लेने के लिए मौजूद हैं। इस कार्यक्रम में व्यापार, सरकार, राजनीति, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों से 3,000 से अधिक वैश्विक नेता शामिल होंगे।
इस बार सम्मेलन में भारत की सबसे बड़ी भागीदारी होगी, क्योंकि वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु समेत छह केंद्रीय मंत्री, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस विभिन्न समारोहों में भाग लेने के लिए मौजूद हैं। इस कार्यक्रम में व्यापार, सरकार, राजनीति, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों से 3,000 से अधिक वैश्विक नेता शामिल होंगे।
ट्रंप भी ले रहे हैं हिस्सा इस सम्मेलन में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हिस्सा ले रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सम्मेलन मशहूर पर्यटक स्थल दावोस में 23 से 26 जनवरी तक चलेगा। इसमें हिस्सा लेने के लिए 25 जनवरी को ट्रंप आएंगे। 26 जनवरी को सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उनके साथ अमरीकी मंत्रियों और अधिकारियों के अलावा कॉरपोरेट जगत के लोग भी आएंगे। इस सम्मेलन की सुरक्षा के लिए स्विटजरलैंड ने पांच हजार सैनिकों को लगाया है।