नामदारों ने जो पैसा फंसाया सब वापस आएगा
पीएम ने कहा, ‘आजादी के बाद से लेकर 2008 तक हमारे देश के सभी बैंकों ने कुल मिलाकर 18 लाख करोड़ रुपए की राशि ही लोन के तौर पर दी थी। लेकिन 2008 के बाद सिर्फ छह साल में यह राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई, ले जाओ, बाद में मोदी आएगा रोएगा, ले जाओ। यानी जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में दिया।’ उन्होंने कहा कि नामदारों ने जो पैसा फंसाया सब वापस आएगा।
फोन बैंकिंग से नामदारों ने दिया लोन
पीएम ने कहा, कि लोन देने की परंपरा अलग थी। पिछली सरकार में फोन बैंकिंग के जरिए लोन दिया जाता था। नामदार यदि फोन कर दे तो लोन मिल ही जाता था। जिस भी धन्नासेठ को लोन चाहिए था वह नामदारों से बैंकों में फोन करवा देता था। बैंकवाले फिर उसे अरबों का लोन दे देते थे। सारे कानून से ऊपर था नामदारों का फोन। पीएम ने कहा, देश से सच्चाई को छुपाया गया। यूपीए सरकार में गया कि सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपए फंसे हैं। 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो बैंकों को सही हिसाब देने को कहा गया। तब पता चला कि 9 लाख करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। पीएम ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 में सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें अहसास हो गया था कि ये नामदार देश को ऐसी लैंडमाइन पर बिठाकर गया है, उस समय देश को बताया जाता तो विस्फोट हो जाता।