रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए हुए कहा कि हम संसद में बेहतर कानून बनाते हैं,
उन्हें जमीन पर लाते हैं
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए हुए कहा कि हम संसद में बेहतर कानून बनाते हैं,
उन्हें जमीन पर लाते हैं। काले धन के कानून ने हवालाबाजों के पैरों से जमीन
खिसका दी है। अब वही हवालाबाज हमसे हिसाब मांग रहे हैं। उन्होंने देश के
विकास में मध्यप्रदेश के योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश ने देश को
बहुत कुछ सिखाया है। मैं इसके लिए प्रदेश को नमन करता हूं।
पहली
बार राजधानी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं
को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश
प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चौहान, संगठन
महामंत्री अरविंद मेनन मौजूद थे। इस मौके पर कार्यकर्ताओं से निकला हुआ
नेतृत्व है।
भाजपा
प्रदेश संगठन को बधाई देता हूं। उनका गौरव गान करता हूं। राजनीतिक दल की
कसौटी चुनाव की जीत और हार के बाद जुड़ जाती है। स्वाभाविक भी है, लोकतंत्र
का वही एक मानदंड माना जाता है। खुशी है, मध्यप्रदेश की जनता का भाजपा के
प्रति विश्वास बढ़ता ही जा रहा है, चुनाव जीतता जा रहा हूं। मैं इस विश्वास
के लिए मध्यप्रदेश की जनता को नमन करता हूं। हम जनता जनार्दन के विश्वास
को कभी नहीं तोड़ेंगे। परिश्रम की पराकाष्ठा तक काम करेंगे। लोकतंत्र में
जय और पराजय सामान्य बात है।
कभी
भाजपा के दो सांसद बचे थे। तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी संसद के अंदर
भाजपा का मजाक उड़ाते थे, सुनना पड़ता था। जो दल चार सौ से ज्यादा सांसद
लेकर बैठा था, वो 40 पर सिमट गया। 84 की पराजय से सीखने का प्रयास किया।
गलतियों से सीखा और अपनी दिशा पर मंथन किया। ऊपर से नीचे तक सबने किया।
जनता से पूछा, सबसे पूछा। साल-साल भर मंथन किया।
हमने
और को दोष नहीं दिया, औरों की आलोचना नहीं की। अपनी कमियों को दूर करने का
प्रयास किया। उसी का परिणाम है कि 20 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार
दी। मुझे प्रदेश की जनता के सामने कहना पड़ रहा है कि जनता ने पराजय किया
है तो उसका आदर और सत्कार करेंगे। लेकिन हम आशा करते थे कि कुछ दिनों में
माहौल सामान्य होगा और संसद चल पड़ेगी। महत्वपूर्ण निर्णय अटके पड़े हैं,
वो हो जाएंगे।
विरोधी
दलों के साथ काम करते रहे, करीब-करीब सभी दल इस बात पर सहमत हुए कि संसद
चलना चाहिए और निर्णय होना चाहिए। लेकिन एक है जो नहीं मानता, क्या
लोकतंत्र के साथ हमारे अहंकार का टकराव रहेगा क्या? मैं सार्वजनिक रूप से
आग्रह करता हूं कि हम लोकतंत्र के गौरव के लिए दुनिया आर्थिक संकट में फंसा
है, देश तरक् की कर रहा है। आइए साथ मिलकर काम करें। हमारी बात नहीं मानी।
भारी और दुखी मन से संसद के सत्रावसान की ओर आगे बढऩा पड़ा। एक के बाद एक
संसदद के अंदर जो निर्णय हुए हैं, कालेधन के खिलाफ जो कठिन कानून बनाया है।
जो हवालाबाज है, वो परेशान है। हवालाबाजों की जमात लोकतंत्र में रुकवाट
पैदा करने की कोशिश कर रही है। हवालाबाज लोगों के पैरों के नीचे से धरती
खिसकती नजर आ रही है। संकट दिख रहा है।
हम
लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए जनता जर्नादन की आंकाक्षाओं को
अधूरा नहीं रहने देंगे। जो रुकावटें आएंगी, उन्हें नहीं आने देंगे। विकास
के लिए कई कदम उठाएंगे। हम जो योजनाएं आती हैं, वो रोडमैप के साथ आती हैं।
यह अटकने वाली सरकार नहीं है। यह घर-घर तक लागू करने वाली सरकार है। देश के
सामान्य से सामान्य और गरीब से गरीब का भला करने वाली सरकार है। हमने
मुद्रा बैंक की बात की। सामान्य लोगों को छोटा-मोटा काम मिल जाए तो
साहूकारों से मुक्ति मिल जाएगी।
घर
में कोई मेहमान आ जाए तो उन्हें ब्याज पर पैसा लेना पड़ता है। इनकी देश के
अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। इनका काम बढ़ेगा तो देश में रोजगार सृजन
होगा। प्रधानमंत्री जन-धन योजना एक बड़ी पहल है।
अर्थशास्त्री
बोलते रहते है कि बड़ी-बड़ी चीजें होनी चाहिए, लेकिन मेरा वो स्वभाव नहीं
है। लेकिन जिन चीजों को मैं करता हूं उसका कैसा प्रभाव पड़ता है। उदाहरण
देता हूं। हमने गैस सब्सिडी को आधार और खाते के साथ जोड़ दिया। बिचौलियों
और दलालों के पास सब्सिडी नहीं जाएगी। सीधे-सीधे जिसकी है उसके जनधन खाते
में जाएगी।
पता
है क्या हुआ, पहले जितने लोग सब्सिडी लेते थे, उसमें पांच करोड़ संख्या कम
हो गई। यह कितने सालों से पांच करोड़ खातों की गड़बड़ी चल रही थी। 19 हजार
करोड़ रुपया सालाना सरकार के खाते में बचेगा। अब यह हवालेबाज हमसे हिसाब
मांग रहे हैं।