भोपाल

प्रदेश में नहीं चढ़ पाया सियासी पारा, नेता क्षेत्रों में सिमटे

– टिकट पाने और बचाने की जोड़तोड़ जारी

भोपालApr 03, 2019 / 11:21 pm

दीपेश अवस्थी

congress bjp

भोपाल। राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने सभी २९ सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं कर पाए हैं। नामों को लेकर मंथन के बीच टिकट पाने और बचाने के प्रयास हो रहे हैं। इन प्रयासों के चलते चुनावी पारा अभी नहीं चढ़ सका है। नेता अपने-अपने क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं।
 

कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा है, इसलिए उनकी भोपाल में सक्रियता देखी जा सकती है। वे धार्मिक से लेकर अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह ने अपने लोकसभा क्षेत्र जबलपुर में मोर्चा संभाल रखा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव प्रभारी एवं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश के साथ गुना तक सीमित हैं। क्षेत्र में बड़ी सभाओं की बात करें तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले दिनों अपने लोकसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में बड़ी सभा की थी। ये यहां विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राज्य के अन्य क्षेत्रों में ऐसी कोई बड़ी सभा नहीं हो रही है।

कांग्रेस के मुकाबले भाजपा आगे –

चुनावी सक्रियता की बात करें तो कांग्रेस के मुकाबले भाजपा आगे है। भाजपा ने पूरे देश में २४ मार्च को विजय संकल्प सभाएं की थीं, इसमें मध्यप्रदेश भी शामिल रहा। लोकसभा स्तर पर होने वाली इन सभाओं को प्रदेश के बड़े नेताओं ने सम्बोधित किया। उत्तर प्रदेश के मंत्री एवं मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय की सक्रियता बढ़ी है। इसके विपरीत कांग्रेस नेता टिकटों के मंथन में लगे हैं। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया लम्बे समय से मध्यप्रदेश नहीं आए। बीमारी के बाद उनकी सक्रियता मध्यप्रदेश में नहीं दिखती।
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