झारखंड में जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी अब बिहार में पूरी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहती है और इसी के मद्देनजर उसने राजद नेतृत्व से कह दिया है कि वह विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले सीट बंटवारे के बारे में फैसला करना चाहती है, ताकि चुनाव की तैयारी करने का समय मिल सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर आखिरी समय तक चली खींचतान जैसी स्थिति से विधानसभा चुनाव में बचना चाहती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमने राजद को अवगत कराया है कि सीट बंटवारे पर अगर पांच-छह महीने पहले ही फैसला हो जाएगा तो गठबंधन के लिए स्थिति ज्यादा मजबूत रहेगी, क्योंकि पार्टियों को अपनी तैयारी और रणनीति के लिए पूरा समय मिलेगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह लोकसभा चुनाव में हार के कारण के विषय में कई बार सीट बंटवारे को लेकर अपनी बात कह चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में इस बार गलती करने के मूड में नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। कांग्रेस चाहती है कि अप्रैल-मई तक सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए, ताकि सभी पार्टियों को उम्मीदवार तय करने का पर्याप्त समय भी मिल जाए और इससे रणनीति बनाने में भी सहूलियत होगी। हालांकि, इस पर राजद ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और रालोसपा साथ मिलकर लड़े थे, लेकिन राज्य की 40 सीटों में कांग्रेस को सिर्फ किशनगंज में जीत मिली। शेष 39 सीटों पर विरोधी दल के गठबंधन ने जीत हासिल की थी। माना जा रहा है कि चुनाव के पहले सीट बंटवारे को लेकर दबाव की रणनीति के तहत इस तरह की पैंतरेबाजी हो रही है। भाजपा नीत राजग में भी सीट बंटवारे को लेकर पैतरेबाजी प्रारंभ हो गई है। जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा है कि जदयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रहेगा, इसलिए उसे विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को सीट बंटवारे के दौरान जदयू के प्रस्ताव पर पहले विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि भाजपा से सीट बंटवारे को लेकर अनुपात 1-3 या 1-4 का ही रहेगा। इधर, प्रशांत किशोर ने भाजपा-जदयू के बीच 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में बने सीट बंटवारे के फॉर्मूले का हवाला देकर 2020 में टिकट बंटवारे की बात कही है। उस वक्त जदयू 142 सीटों पर और भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। तब राजग में लोजपा नहीं थी। प्रशांत के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई है। प्रशांत के सीट बंटवारे के बयान पर भाजपा नेता नितिन नवीन ने कहा कि सीट बंटवारे पर आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान को लेना है, तो फिर यह समझ से परे है कि इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर ऐसी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं?