जानकारी के मुताबिक, प्रशांत किशोर हाल के दिनों में दो बार नीतीश कुमार से मिल चुके हैं। एक बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। जिससे कयास लगाया जा रहा है कि प्रशांत किशोर एक बार फिर नीतीश कुमार के लिए काम कर सकते हैं। जदयू के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पिछली बार जब प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए काम किया था, तब हमारा संगठन बहुत सुदृढ़ नहीं था। आज स्थिति दूसरी है। हमारे 40 लाख से अधिक प्रारंभिक सदस्य हैं और हर बूथ पर हमारे कार्यकर्ता सक्रिय हैं। पिछली बार उन्होंने चुनावी प्रचार का काम-काज देखा था। वहीं, राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस के खिलाफ रणनीति बनाने में जदयू नेतृत्व की मदद कर सकते हैं। हालांकि, कयास यह भी लगाया जा रहा है कि प्रशांत किशोर दोबार नरेन्द्र मोदी के लिए भी काम कर सकते हैं।
कई पार्टियों के लिए काम कर चुके हैं पी के गौरतलब है कि पीके ने 2012 में नरेंद्र मोदी की चुनावी रणनीति बनाई। फिर 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए मुख्य रूप से पांच अभियान चलाए। इसके बाद वो भाजपा से अलग हो गए और 2015 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए चुनावी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी संभाली। बाद में प्रशांत किशोर ने 2017 में कांग्रेस के लिए यूपी और पंजाब में चुनावी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी ले ली थी। इसके बाद से वो काफी समय तक गायब रहे। लेकिन, वो फिर एक्टिव हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि वो 2019 में किसकी नैया पार कराने में अहम भूमिका निभाते हैं।