पटना ( Patna ) में प्रेसवार्ता के जरिये पीके के खुलकर नीतीश को लेकर अपनी राय रखी। प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा और नीतीश जी का संबंध राजनीतिक नहीं था। वह मुझे अपना बेटा मानते थे। नीतीश के फैसले का मैं दिल से स्वागत करता हूं।
दिग्गज नेता और मशहूर अभिनेता का हुआ निधन, मुंबई एयरपोर्ट पर ही पड़ा दिल का दौरा आपको बता दें कि इसी वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पीके का हर बयान जेडीयू के साथ प्रदेश की राजनीतिक दिशा बदल सकता है।
बीजेपी के साथ गठबंधन विकास नहीं दे रहा है
पीके के नीतीश के बहाने बीजेपी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी से गठबंधन की वजह से जेडीयू और प्रदेश की जनता को नुकसान हो रहा है।
किशोर ने कहा कि ‘आपके झुकने से भी बिहार का विकास हो रहा है, तो मुझे आपत्ति नहीं है। क्या इस गठबंधन के साथ रहने से बिहार का विकास हो रहा है, सवाल यह है। लेकिन इतने समझौते के बाद भी बिहार में इतनी तरक्की हो गई है? क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला?
ट्विटर पर गुजराती का अधिकार नहीं
पीके ने कहा कि ट्विटर पर किसी गुजराती का अधिकार नहीं है। गुजराती को भी ट्विटर चलाना बिहार के लोगों ने सिखाया है। लेकिन पता नहीं क्यों सीएम बिहार को एक गरीब प्रदेश के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं।
पीके की प्रेसवार्ता की खास बातें – मैं अभी 10 से 15 साल यहीं रहूंगा – 10 लाख युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य, अब तक 2.93 लाख युवाओं को जोड़ा – मुझे अपने बेटे की तरह मानते थे नीतीश, उनसे मेरा राजनीतिक रिश्ता नहीं
– कोई विवाद टीका-टिप्पणी न ही अभी, न ही आगे यह उनका (नीतीश) एकाधिकार था, आगे भी रहेगा। इस बात के लिए सम्मान है उनके प्रति सम्मान जो है वह आगे भी रहेगा।’ – प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि नीतीश जी उनके साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं। गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं।
– पीकेः गोडसे को मानने वालों के साथ हैं नीतीश – बिहार के विकास पुरुष हैं नीतीश, फिर भी प्रदेश की हालात वैसी ही – 15 साल में बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन विकास की गति धीमी है।
– 2005 में जो बिहार की स्थिति थी, आज भी वही स्थिति है। – 2005 में बिहार 22वें नंबर पर था अब भी वहीं है – 20 फरवरी से बिहार में शुरू होगी ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम