इस योजना में उन्हीं कच्ची सड़कों का चयन किया जाएगा, जो दो या दो से अधिक मुख्य सड़कों को आपस में मिला रही हों।
पीएमजीएसवाय-वन वर्ष 2019 दिसम्बर से समाप्त हो जाएगा। अब पीएमजीएसवाय-टू शुरू कर दिया गया है, इसमें नए सिरे से प्रदेश की 5००० किलोमीटर सड़कों का चयन किया जा रहा है, इसके लिए केन्द्र सरकार ने 2300 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
पीएमजीएसवाय-वन वर्ष 2019 दिसम्बर से समाप्त हो जाएगा। अब पीएमजीएसवाय-टू शुरू कर दिया गया है, इसमें नए सिरे से प्रदेश की 5००० किलोमीटर सड़कों का चयन किया जा रहा है, इसके लिए केन्द्र सरकार ने 2300 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
इन सड़कों की डीपीआर जिला और ब्लाक स्तर पर तैयार की जा रही है। डीपीआर में उन्हीं कच्ची सड़कों को शामिल किया जाएगा जो ग्रामीण सड़क और लोक निर्माण की मुख्य सड़कों को जोडऩे वाली हैं। ट्रेफिक के दबाव का आंकलन करने के बाद सड़कों की डिजाइन तैयार की जाएगी।
इन सड़कों के बनाए जाने से गावों की कनेक्टिविटी और मजबूत हो जाएगी। अभी तक इस योजना में ग्रामीण सड़कों को सिर्फ एक ही तरफ से मुख्य सड़कों को जोड़ा जा रहा था, अब गांव को दो-तीन तरफ से मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा।
इस व्यवस्था से जहां सड़कों पर ट्रेफिक का दबाव कम होगा, वहीं एक गांव से दूसरे गांव तक पहुंचने की कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी। गौरतलब है कि पीएमजीएसवाय-वन योजना में सामान्य वर्ग के ५०० और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के 250 लोगों की आबादी तक के गांव में ही ग्रामीण सड़क बनाने का प्रावधान था।
यह सड़कें सिर्फ एक तरफ से ही मुख्य सड़कों को मिलती थी, इसका एक छोर मुख्य सड़क में मिलता था और दूसरा छोर गांव में ही समाप्त हो जाता था। ———————
जल्द आएगी पीएमजीएसवाय-३
जल्द आएगी पीएमजीएसवाय-३
केन्द्र सरकार पीएमजीएसवाय-३ योजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है। इसमें प्रत्येक गांव को अस्पताल, स्कूल, बाजार और मंडी से जोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में पांच से सात हजार किलोमीटर सड़कें बनाई जाएगी। इस योजना शहर से सुदूर अंचल और आदिवासी गांवों को केद्रित किया गया है। इसके अलावा जिन गांवों एक हजार से अधिक पुल-पुलिया का निर्माण किया जाएगा, जिससे बारिश के दौरान गांवों में आवागमन बाधित ना हो सके।